भारत के ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क के एक विज्ञापन को लेकर काफी बवाल मचा है. सांप्रदायिक सौहार्द को दिखाने वाले इस विज्ञापन को कई लोगों ने कम्युनल एंगल दे दिया. जिसके बाद कंपनी को बैकफुट पर आकर विज्ञापन को वापस लेना पड़ा. लेकिन अब इस पूरे मामले को लेकर तमिलनाडु सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि तमिलनाडु सरकार इस ब्रांड में एक बड़ी शेयर होल्डर है.
TIDCO सबसे बड़ी शेयर होल्डर
दरअसल तनिष्क टाइटन कंपनी लिमिटेड का ही एक ब्रांड है. इसमें टाटा ग्रुप और तमिलनाडु इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन (TIDCO) के शेयर हैं. TIDCO का इसमें कुल 28 फीसदी स्टेक है, जबकि टाटा ग्रुप की 25 फीसदी हिस्सेदारी है.
इस पूरे मामले को लेकर अब विपक्षी नेता सवाल उठा रहे हैं. डीएमके सांसद कनिमोई ने इस विवाद को लेकर तमिलनाडु सरकार से उसका स्टैंड पूछा है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
“तनिष्क ज्वैलरी में तमिलनाडु सरकार एक बड़ी हिस्सेदार है. तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जो हमेशा से धर्मनिर्पेक्षता के साथ खड़ा रहा है. तमिलनाडु के सीएम का तनिष्क के विज्ञापन पर हो रहे इस पूरे विवाद पर क्या स्टैंड है?”
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क ने अपना एक नया विज्ञापन लॉन्च किया. जिसमें हिंदू और मुस्लिम परिवार को एक साथ एक दूसरे के रिवाजों को अपनाते हुए दिखाया गया है. इस विज्ञापन में एक हिंदू लड़की की मुस्लिम परिवार में गोद भराई की रस्म होती है और वो लड़की अपनी सास से पूछती है कि, 'मां ये रस्म तो आपके घर में होती भी नहीं है ना' तो सास जवाब देती हैं कि- 'पर बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है ना.' इसके बाद आखिरी लाइन में कहा जाता है- "एक जो हुए हम तो क्या ना कर जाएंगे".
इसी विज्ञापन को लेकर कुछ लोगों ने धर्म का एंगल जोड़ना शुरू कर दिया और इसे लव जिहाद बताया. ट्विटर पर तनिष्क को ट्रेंड कराया गया. साथ ही गुजरात में शो रूम मालिक को धमकी भी दी गई.
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