हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. टीचर्स डे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के रूप में मनाया जाता है. वह एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे.
इस दिन स्टूडेंट्स टीचर्स के लिए प्यार और सम्मान दर्शाते हैं और उन्हें कई तरह के गिफ्ट्स भी देते हैं. स्कूलों में Teacher's Day पर खास प्रोग्राम भी होते हैं.
अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन टीचर्स डे मनाया जाता है. लेकिन International Teachers Day 5 अक्टूबर को होता है.
भारत में 5 सितंबर को ही Teacher’s Day क्यों?
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में टीचर्स डे मनाया जाता है. उन्हीं की याद में हर साल 5 सितंबर को ये खास दिन मनाया जाता है. राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे. उन्हें 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था.
जानिए Dr Sarvepalli Radhakrishnan के बारे में
राधाकृष्णन का जन्म तेलुगू परिवार में हुआ था. उन्होंने The Philosophy of Rabindranath Tagore नाम की किताब भी लिखी. इनकी आरंभिक शिक्षा तिरुवल्लुर के गौड़ी स्कूल और तिरुपति मिशन स्कूल में हुई. इसके बाद मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी.
1916 में राधाकृष्णन ने दर्शन शास्त्र में एमए किया और मद्रास रेजिडेंसी कॉलेज में इसी सब्जेक्ट के सहायक प्राध्यापक का पद संभाला.
साल 1954 में शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए उन्हें भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया. राजनीति में आने से पहले राधाकृष्णन ने अपने जीवन के करीब 40 साल अध्यापन को दिए थे.
Teacher’s Day का महत्व
दुनिया का हर पेशा, अकाउंटेंट, पायलेट, इंजीनियर, डॉक्टर बनने के लिए टीचर्स अहम भूमिका निभाते हैं. इस दिन स्कूलों में टीचर्स के लिए खास प्रोग्राम कराए जाते हैं. टीचर्स डे के दिन बच्चे शिक्षकों को गिफ्ट्स देकर उनके लिए सम्मान दर्शाते हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस के दिन टीचर्स को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा जाता है. हर साल देश के राष्ट्रपति टीचर्स को यह पुरस्कार देते हैं.
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