केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को राज्य में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत दो फरवरी तक बढ़ा दी।
सह-अभियुक्तों-- पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के पूर्व अध्यक्ष सुबिरेश भट्टाचार्य की न्यायिक हिरासत भी दो फरवरी तक बढ़ा दी गई है।
गुरुवार को चटर्जी के वकील सेलिम रहमान ने अपने मुवक्किल की ओर से जमानत याचिका दायर करते हुए अदालत में जोरदार बहस की। यहां तक कि बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म जॉली एलएलबी का हवाला देते हुए रहमान ने यह भी दावा किया कि उनके और उनके मुवक्किल के लिए धरना प्रदर्शन करना ही एकमात्र रास्ता बचा है।
रहमान ने तर्क दिया कि अदालत इस संबंध में सीबीआई द्वारा दायर सभी दलीलों को स्वीकार कर रही है। हालांकि, केंद्रीय एजेंसी की दलील किसी भी तर्क से समर्थित नहीं है। मेरा मुवक्किल किसी भी शिक्षक को नियुक्ति देने के लिए जिम्मेदार नहीं था, चाहे वह पात्र हो या अपात्र। इसलिए अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। उसके कब्जे से एक पैसा भी बरामद नहीं हुआ।
उन्होंने प्रभावशाली सिद्धांत के तहत न्यायिक हिरासत के विस्तार के लिए सीबीआई के वकील की याचिका का भी विरोध किया। रहमान ने सवाल किया, मामले से संबंधित सभी दस्तावेज सीबीआई द्वारा जब्त कर लिए गए हैं। मेरे मुवक्किल जमानत पर रिहा होने के बाद राज्य शिक्षा विभाग के कार्यालय नहीं जा सकेंगे। तो मामले को प्रभावित करने का सवाल कहां से आता है?
सोमवार को अदालत के न्यायाधीश ने सीबीआई द्वारा जांच की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और यह भी देखा कि गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं की जांच से संबंधित जांच का लगभग तीन-चौथाई पूरा हो चुका है। न्यायाधीश ने माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्तियों के मामले में जांच की प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया। आखिरकार उन्होंने सातों आरोपियों की न्यायिक हिरासत दो फरवरी तक बढ़ाने का आदेश दिया।
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