सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) की जमनात याचिका को गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए उन्हें "तुरंत सरेंडर' करने को कहा है. इसके बाद तीस्ता सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. यहां सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच मामले की सुनवाई के लिए बैठी लेकिन जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच की राय तीस्ता सीतलवाड को अंतरिम जमानत देने के मुद्दे पर अलग-अलग थी. जिसकी वजह से बेंच ने मामले को बड़ी बेंच के समक्ष रखने के लिए मामले को भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया.
तीस्ता सीतलवाड़ पर साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में 'निर्दोष लोगों' को फंसाने के लिए फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2022 में उन्हें अंतरिम जमानत दी थी.
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़?
तीस्ता सीतलवाड़ा एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वह गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ रही हैं. तीस्ता सीतलवाड़ का जन्म महाराष्ट्र में 1962 में हुआ. वह मुंबई में पली बढ़ी और मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. उनके पिता अतुल सीतलवाड़ वकील थे और उनके दादा एमसी सीतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे.
तीस्ता सीतलवाड़ ने अपनी कानून की पढ़ाई बीच में छोड़कर पत्रकारिता की ओर कदम बढ़ाए. बतौर रिपोर्टर उन्होंने कई अखबारों में काम किया. उन्होंने पत्रकार जावेद आनंद से शादी की और आगे चलकर कुछ लोगों के साथ मिलकर सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस नामक एनजीओ की शुरुआत की.
तीस्ता सीतलवाड़ को वर्ष 2007 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है. पद्मश्री के अलावा उनको साल 2002 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार भी मिल चुका है.
तीस्ता सीतलवाड़ पर क्या आरोप?
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में 'निर्दोष लोगों' को फंसाने के लिए फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप है.
सीतलवाड़ा पर IPC के सेक्शन 468 (धोखे देने की नीयत दस्तावेजों से छेड़छाड़) और सेक्शन 194 (फर्जी सबूत गढ़ना) के तहत मामला दर्ज है.
तीस्ता सीतलवाड़ पर विदेश से आए पैसे के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का भी आरोप है.
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