भारतीय रेलवे की पहली निगमीकृत ट्रेन तेजस एक्सप्रेस 19 अक्टूबर को दोनों तरफ लगभग दो घंटे देरी से पहुंची. इस दौरान तेजस ट्रेन में यात्रा करने वाले हर यात्री को मुआवजे के रूप में 250 रुपये दिए जाएंगे. बता दें कि लखनऊ से ट्रेन में लगभग 451 यात्री सवार हुए थे और नई दिल्ली से भी लगभग 500 यात्री सवार हुए थे.
4 अक्टूबर को लखनऊ से लॉन्च हुई तेजस एक्सप्रेस का संचालन इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) करता है.
आईआरसीटीसी के लखनऊ के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक (सीआरएम) अश्विनी श्रीवास्तव ने कहा, "हमने सभी यात्रियों के मोबाइल पर एक लिंक भेजी है, जिस पर क्लिक करने से वे अपने मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं. ऐसा करने पर उन्हें मुआवजा मिल जाएगा."
तेजस शनिवार को लखनऊ से अपने निर्धारित समय सुबह 6:10 बजे की बजाए पहली बार लगभग 8:55 पर चली और नई दिल्ली दोपहर 12:25 बजे के बजाए 3:40 पर पहुंची. इसके बाद वो नई दिल्ली से दोपहर 3:35 बजे की बजाए शाम को लगभग 5:30 बजे चली.
मेंटीनेंस में देरी होने के कारण ट्रेन को देरी हो गई थी. अपनी नियमित यात्रा पर रवाना होने से पहले हर ट्रेन में रखरखाव किया जाता है.
19 अक्टूबर को तेजस का मेंटीनेंस सुबह लगभग 4 बजे शुरू किया जा सका क्योंकि लखनऊ स्टेशन पर मेंटीनेंस यार्ड में शंटिंग के दौरान एक कोच पटरी से उतर गया था.
देरी होने की वजह से यात्रियों को अतिरिक्त चाय, दोपहर का खाना और उन्हें दिए गए रिफ्रेशमेंट के पैकेट्स पर 'सॉरी फॉर डिले' छपा हुआ था. इस दौरान घोषणा कर यात्रियों को ट्रेन के लेट होने की सूचना भी दी गई.
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