बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव के बंगले के बाहर लगे CCTV को हटा लिया गया है. तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उनके बंगले के बाहर CCTV लगवाकर जासूसी कराने का आरोप लगाया था.
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया था कि ये कैमरे उनके घर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगाए गए हैं.
तेजस्वी ने नीतीश पर लगाया था जासूसी कराने का आरोप
तेजस्वी ने लिखा है, ‘क्या नीतीश जी अपनी सुरक्षा को लेकर इतने ज्यादा डरे हुए हैं, जो उन्होंने उनके और मेरे घर के बीच की बाउन्ड्री वॉल पर सीसीटीवी कैमरा लगवा रखा है, ताकि वह मेरे घर की जासूसी कर सकें?’
तेजस्वी ने सवाल करते हुए लिखा, ‘आखिर, मुख्यमंत्री को वहां कैमरा लगवाने की जरूरत क्यों पड़ी, जहां स्थायी तौर पर सिक्योरिटी चेक पोस्ट है?’
‘क्यों पड़ी राजनीतिक विरोधी के घर की तरफ CCTV लगाने की जरूरत?’
तेजस्वी यादव ने एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि, 'सीएम आवास तीन तरफ से मेन रोड से घिरा हुआ है. नेता प्रतिपक्ष का घर चौथे साइड है. लेकिन सीएम सिर्फ अपने राजनीतिक विरोधी के घर की तरफ सीसीटीवी लगाने की आवश्यकता समझ रहे हैं?'
तेजस्वी ने लिखा, ‘किसी को उन्हें बताना चाहिए कि उनकी यह तुच्छ चाल व्यर्थ साबित होगी.’
‘क्या CCTV लगवाकर पड़ोसी की जासूसी करना सही है?’
तेजस्वी ने लिखा, ‘बिहार सरकार जब भी जरूरत होती है तो पहले से ही जेड सिक्योरिटी प्राप्त मुख्यमंत्री की सुरक्षा पुख्ता करती है. यहां तक कि उनका आवास हाई सिक्योरिटी जोन में है. फिर भी क्या हाई रिजॉल्यूशन वाले एचडी सीसीटीवी कैमरे लगवाकर पड़ोसी की निजता में दखल देना और उनकी जासूसी करना सही है?’
‘सीएम को जनता की सुरक्षा के बजाय विपक्षियों की जासूसी की चिंता’
तेजस्वी ने लिखा है, ‘अगर बाकी पूरे राज्य को छोड़ भी दें तो भी हर गुजरते सेकेंड के साथ पटना क्षेत्र में जघन्य अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है. लेकिन निरंकुश और असुरक्षित मुख्यमंत्री को जनता की सुरक्षा से के बजाय विपक्षियों की दैनिक गतिविधियों की जासूसी और उनकी निजता में दखल देने की ज्यादा चिंता है.’
एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, ‘नीतीश कुमार के पास तीन मुख्यमंत्री आवास हैं. इनमें से दो पटना में और एक दिल्ली में हैं. इसके अलावा बिहार भवन में एक खास सूइट भी है.’
तेजस्वी ने सवाल उठाते हुए लिखा, ‘एक गरीब राज्य के स्वयंभू सादगीपसंद मुख्यमंत्री आखिर क्यों इस विलासिता और भव्यता में जी रहे हैं? क्या उनमें इसका जवाब देने की नैतिकता है?’
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