हफ्तों तक एक अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ने के बाद तेलंगाना के खम्माम जिले की एक 13 साल की दलित लड़की की मौत हो गई है. लड़की को उसके मालिक के लड़के ने कथित रूप से जला दिया था. लड़की ने यौन उत्पीड़न की कोशिश को रोका था.
केस की जांच कर रहे खम्माम पुलिस अधिकारियों ने द न्यूज मिनट (TNM) से पुष्टि की है कि लड़की की मौत चोटों की वजह से 15 अक्टूबर की रात हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में हुई. पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद लड़की का शव उसके पैतृक स्थान पर पहुंचाया जाएगा.
लड़की खम्माम जिले के पल्लीगुडाम में आलम सुब्बा राव के घर में घरेलू सहायक के तौर पर काम करती थी. 26 साल के आरोपी आलम मारायह को घटना के सामने आने के बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था. आरोपी भी कथित रूप से शेड्यूल्ड कासते/दलित समुदाय से है.
नाबालिग लड़की को 70 फीसदी जलने की वजह से काफी चोटें आई थीं. हालांकि, ये घटना 18 सितंबर को हुई थी, लेकिन ये घटना सामने अक्टूबर के पहले हफ्ते में आई जब लड़की ने पूरी बात अपने माता-पिता को बताई.
लड़की ने कथित रूप से अपने पिता को बताया था, “जब मैं कमरे में थी तो वो आया और उसने मुझसे अपने साथ सोने को कहा. जब मैंने मना किया तो उसने मेरे साथ जबरदस्ती की. मैंने बहुत संघर्ष किया. उसने मेरे कपड़े फाड़ दिए और फिर बाद में मुझे आग लगा दी और वहां से भाग गया.”
पहले लड़की का इलाज खम्माम के ही एक निजी अस्पताल में हो रहा था. बाद में उसे हैदराबाद के उस्मानिया जनरल अस्पताल ले जाया गया और फिर दूसरे निजी अस्पताल. पुलिस और जिले की वेलफेयर अथॉरिटीज ने लड़की का बयान लिया था.
पुलिस ने POCSO के साथ ही IPC सेक्शन 376 (रेप के लिए सजा), 307 (हत्या की कोशिश), 354 (महिला की छवि खराब करने के इरादे से हमला या आपराधिक ताकत का इस्तेमाल) और 506 (आपराधिक धमकी की सजा) के तहत केस दर्ज किया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)