राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग मामले में शुक्रवार को अलगाववादी नेताओं को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया. एनआईए ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक समेत कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दायर की. एनआईए की विशेष अदालत के जज राकेश सयाल ने 23 अक्टूबर तक के लिए यासीन मलिक की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. अब 23 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई होगी.
200 पेजों की इस चार्जशीट में यासीन मलिक के अलावा जेकेएलएफ अध्यक्ष शब्बीर शाह, दुख्तरान-ए-मिल्लत प्रमुख आसिया अंद्राबी, ऑल पार्टी हुर्रियत महासचिव मसरत आलम और पूर्व विधायक रशीद इंजीनियर का नाम भी है.
एजेंसी ने उनपर 2010 और 2016 में आतंकवादी गतिविधियों और पथराव करने के लिए पाकिस्तान से कथित रूप से पैसा लेने का आरोप लगाया है. इस मामले में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का भी नाम है.
एनआईए अधिकारियों को जांच में कई नए सबूत मिले हैं. इसमें सोशल मीडिया से जुड़े सबूत, कॉल रिकॉर्डिंग, मौखिक और दस्तावेज सबूत के तौर पर शामिल है. साथ ही एजेंसी को इनके सीमा पार हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन के साथ संबंध होने के भी सबूत मिले हैं.
यासीन मलिक के खिलाफ चार्जशीट में क्या है?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में लिखा है कि यासीन मलिक और सैयद अली शाह गिलानी ने कारोबारियों पैसा इकट्ठा किया. मलिक ने 2016 में कश्मीर घाटी में हिंसक आंदोलन किया. मलिक ने गिलानी के साथ विरोध प्रदर्शन करने में भूमिका निभाई. मलिक पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारियों के साथ भी संपर्क में था.
मसरत आलम के खिलाफ चार्जशीट में क्या है?
NIA ने मसरत आलम को पथराव करने वालों का ‘लीडर’ करार दिया. उसने 2010 में एक्टिव रूप से पथराव रैलियों का आयोजन किया. उसे सैयद अली शाह गिलानी से निर्देश मिला था.
आसिया अंद्राबी के खिलाफ चार्जशीट में क्या है?
आसिया अंद्राबी ने अपने प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत के लिए संदिग्ध स्रोतों (ज्यादातर विदेशी) से धन हासिल किया. आसिया और इंजीनियर रशीद के पाकिस्तान में फंसे आतंकी संगठनों से भी संबंध है.
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