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मोदी सरकार के दौरान कश्मीर में आतंकी घटनाओं का ग्राफ चढ़ा ऊपर 

RTI से खुलासा: मोदी सरकार के दौरान कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ीं  

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भारत
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आतंकवाद के खिलाफ लड़ने को लेकर दावा करने वाली केंद्र सरकार के तीन साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं. एक आरटीआई के जरिए मांगी गई सूचना के आधार पर ये बात सामने आई है.

आरटीआई के जरिए गृह मंत्रालय से मांगी गई सूचना के मुताबिक, बीते तीन सालों में जम्मू-कश्मीर में 812 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 62 नागरिक और 183 भारतीय जवान शहीद हो गए. वहीं बीती मनमोहन सरकार के आखिर के तीन साल के कार्यकाल में कुल 705 आतंकी घटनाओं में 59 नागरिक एवं 105 जवान शहीद हुए थे.

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उत्तर प्रदेश के नोएडा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रंजन तोमर ने गृह मंत्रालय से मिली सूचना के आधार पर बताया कि उन्होंने गृह मंत्रालय से चार सवाल पूछे थे.

  1. मोदी की सरकार के आने के तीन साल और उसके पहले मनमोहन सिंह सरकार के आखिरी तीन साल में जम्मू-कश्मीर में कितनी आतंकवादी गतिविधियां हुई?
  2. उन गतिविधियों में कितने आम नागरिक और कितने जवान शहीद हुए?
  3. इस दौरान आतंकवादी गतिविधियों को काबू में करने के लिए गृह मंत्रालय ने मनमोहन सरकार के अंतिम तीन साल में कितने पैसे खर्च किए?
  4. मोदी सरकार ने तीन साल में कितनी धनराशि जारी की?
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मोदी सरकार ने आतंकवाद से लड़ने के लिए ज्यादा पैसे जारी किए

आरटीआई से मिली जानकारी से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ज्यादा पैसे खर्च करने के बावजूद मोदी सरकार न केवल आंतकवाद पर लगाम लगा पाने में फेल रही बल्कि आंतकवादी घटनाओं में और भी ज्यादा तेजी आ गई.

गृह मंत्रालय के लोक सूचना अधिकारी ने जवाब में बताया, मनमोहन सरकार के अंतिम तीन साल में गृह मंत्रालय ने आतंकवाद से लड़ने के लिए तकरीबन 850 करोड़ रुपये जारी किए, जबकि मोदी सरकार के समय गृह मंत्रालय ने 1,890 करोड़ रुपये इस बाबत जारी किए.

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