ADVERTISEMENTREMOVE AD

कृषि कानूनों की वापसी वाला बिल दोनों सदनों में पास, विपक्ष ने बताया काला दिन

Farm Laws Repeal Bill: बिल पारित होने के बाद एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि "यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राज्यसभा (Rajyasabha) में भारी नारेबाजी के बीच सोमवार को कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 को पारित कर दिया गया, विधेयक को दो घंटे पहले लोकसभा में पारित किया गया था, दोपहर 2 बजे जब राज्यसभा की बैठक हुई तो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किया. लोकसभा (Loksabha) में विरोधी पार्टियों के हंगामे के बीच सोमवार को कृषि कानूनों की वापसी से जुड़ा विधेयक - कृषि कानून निरसन विधेयक-2021 पारित हो गया. विपक्ष ने बिना चर्चा के विधेयक पारित करवाने को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया तो वहीं सरकार ने विपक्ष पर जानबूझकर हंगामा करने और सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
बिल पारित होने के बाद एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि "यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है. सरकार मन की बात करती है लेकिन जन की बात से भागती है"

लोक सभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि "सरकार डर के कारण चर्चा से भाग गई , उन्होंने कहा कि

विरोधी दल सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे थे. हम चाहते थे कि कृषि कानूनों की वापसी वाले विधेयक पर चर्चा हो ताकि हम एमएसपी पर, किसानों को मुआवजे पर और किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अपनी बात कह सकें, लेकिन सरकार ने बिना चर्चा के ही बिल को पारित करवा दिया।"

विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि " बड़ा दिल दिखाते हुए प्रधानमंत्री ने किसान संगठनों की मांग मान कर इसे वापस लेने का फैसला किया. विपक्ष भी तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहा था. हम उनकी भी बात मान कर कृषि कानूनों की वापसी का यह बिल लेकर आए थे. सरकार आज ही इसे लोक सभा और राज्य सभा से भी पारित करवा कर एक संदेश देना चाहती है, लेकिन विपक्ष ने इसे रोकने की कोशिश की और वो लगातार हंगामा करते रहे.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष ये बताए कि आखिर उनकी मंशा क्या है ? उन्होंने विरोधी दलों से राज्य सभा में इस बिल को पारित करवाने में सहयोग की अपील भी की.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने विपक्ष पर जानबूझकर संसद में व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. ये मुद्दाविहीन राजनीति कर रहे हैं और संसद को चलने नहीं देना चाहते हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार जब इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रही है तब भी हंगामा करने का कोई मतलब नहीं बनता है। उन्होंने एमएसपी को लेकर विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चर्चा की मांग करने वाली कांग्रेस तो हमेशा चर्चा से भागती ही रही है। जब भी चर्चा होती है तो ये बॉयकॉट कर देते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×