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राष्ट्रपति मुखर्जी के मार्गदर्शन से मुझे बहुत मदद मिलेगी: PM मोदी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के विदाई समारोह में बोल रहे थे पीएम मोदी

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अत्यंत ज्ञानी और साधारण व्यक्ति करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी विदाई के मौके पर कहा कि मुखर्जी से मिला मार्गदर्शन उनकी बहुत ही मदद करेगा.

मुखर्जी के चुनिंदा भाषणों के चौथे संस्करण को जारी करने के बाद मोदी ने कहा, ''जब कभी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से आधिकारिक मामलों पर चर्चा की, उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया और रचनात्मक सुझाव दिये.'' उन्होंने मुखर्जी को अत्यंत ज्ञानी और असाधारण व्यक्ति करार दिया और कहा कि उनके तहत राष्ट्रपति भवन 'लोक भवन ' बन गया.

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुझे जो मार्गदर्शन मिला उससे मुझे बहुत मदद मिलेगी. मुझे पूरा विश्वास है कि उनके साथ जिसने भी काम किया होगा यही अनुभव किया होगा.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा, मुखर्जी के पांच साल का कार्यकाल कल मंगलवार को पूरा होगा. इसके बाद निर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पदभार संभालेंगे.

प्रणब मुखर्जी ने दिया देश के नाम अंतिम संबोधन

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने अंतिम संबोधन में देश की सहिष्णुता, बहुलवाद और अहिंसा की शक्ति की बात की. मुखर्जी ने कहा कि भारत की आत्मा बहुलवाद और सहिष्णुता में बसती है. उन्होंने कहा, 'हम एक-दूसरे से तर्क-वितर्क कर सकते हैं, सहमत-असहमत हो सकते हैं, लेकिन विविध विचारों की मौजूदगी को हम नकार नहीं सकते.' उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता ही देश की पहचान है.

देश के 13वें राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, 'विभिन्न विचारों को ग्रहण करके हमारे समाज में बहुलतावाद का निर्माण हुआ है. हमें सहिष्णुता से शक्ति प्राप्त होती है. प्रतिदिन हम आसपास बढ़ती हुई हिंसा को देखते हैं तो दुख होता है. हमें इसकी निंदी करनी चाहिए. हमें अहिंसा की शक्ति को जगाना होगा. महात्मा गांधी भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में देखते थे जहां समावेशी माहौल हो. हमें ऐसा ही राष्ट्र बनाना होगा.'

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