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ऑक्सफोर्ड RISJ के एडवाइजरी बोर्ड में शामिल हुई क्विंट की रितु कपूर

आरआईएसजे में सलाहकार बोर्ड का काम रिसर्चर्स को सही दिशा देना होता है  

Published
भारत
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क्विंटलियन मीडिया की को- फाउंडर और सीईओ रितु कपूर को अॉक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठित रॉयटर्स इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी अॉफ जर्नलिज्म के सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया है.

रितु के अलावा हफिंग्टन पोस्ट के पूर्व सीईओ जिमी मेमेन और गूगल के डॉयरेक्टर फॉर स्ट्रेटजिक रिलेशन्स फॉर न्यूज एंड पब्लिशर्स, माधव चिनप्पा को भी सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया है.

आरआईएसजे में सलाहकार बोर्ड का काम रिसर्चर्स को सही दिशा देना होता है. आरआईएसजे के संविधान के मुताबिक, सलाहकार बोर्ड में मेंबर्स की नियुक्ति तीन साल के लिए होती है. इसका रिन्यूवल भी किया जा सकता है. सलाहकारों का काम इसके लिए फंड भी इकट्ठा करना होता है.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट अॉफ पॉलिटिक्स एंड इंटरनेशनल रिलेशन में रॉयटर्स इंस्टीट्यूट को 2006 में बनाया गया था. इसका काम मीडिया अफेयर्स में गहरा शोध करना है.

क्विंट के बारे में

नेटवर्क-18 से निकलने के बाद रितु कपूर और उनके पति राघव बहल ने क्विंटलियन मीडिया की स्थापना की थी.

द क्विंट मतलब समझदारी और जिम्मेदारी से भरपूर मीडिया. द क्विंट मतलब मोबाइल फोन का मीडिया - जो तेज है और जिसकी पहुंच समाज के हर तबके तक है. द क्विंट लोकप्रिय डिजिटल जर्नलिज्म का एक ऐसा ठिकाना है, जहां गंभीर से गंभीर खबर को भी आसान शब्दों में पिरोया जाता है, फिर लोगों तक पहुंचाया जाता है. द क्विंट दुनिया के हर हिस्से पर नजर रखता है और अपने आधुनिक दृष्टिकोण के जरिए लोगों को नीति से लेकर राजनीति, मनोरंजन से लेकर बिजनेस, खान-पान से लेकर उन सभी चीजों के बारे में सूचित करता है, जो जीवन पर असर डालती हैं. कंटेंट, टेक और डिस्ट्रीब्यूशन के एक अनोखे कॉम्बो के साथ हम डिजिटल जर्नलिज्म,स्टोरी टेलिंग और ऐडवर्टाइजिंग में लागातार नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ रहे हैं.

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