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जाधव केस: इन दावों पर इंटरनेशनल कोर्ट में पड़ी पाकिस्तान को फटकार 

कोर्ट में पाकिस्तान को कई दावों पर कोर्ट की फटकार सुनने को मिली है

Published
भारत
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पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा दिए जाने के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट में भारत को जीत मिली है. कोर्ट ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए फिलहाल जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है.

अब इंटरनेशनल कोर्ट के अंतिम फैसले तक पाकिस्तान जाधव को फांसी नहीं दे सकता है.

कोर्ट में पाकिस्तान को कई दावों पर कोर्ट की फटकार सुनने को मिली है. जानते हैं, इनपर क्या था भारत, पाकिस्तान और इंटरनेशनल कोर्ट का स्टैंड-

काउंसलर एक्सेस का मामला

भारत:

भारत ने अपना पक्ष रखते हुए सोमवार को कहा था कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मुहैया कराने के लिए 16 बार पाकिस्तान से आग्रह किया गया लेकिन पाकिस्तान ने हर बार खारिज कर दिया. वियना समझौते के तहत काउंसलर एक्सेस का भारत को अधिकार है जिसका उल्लंघन हुआ है.

पाकिस्तान:

पाकिस्तान ने दावा किया था कि ये मामला काउंसलर एक्सेस के योग्य नहीं है.

इंटरनेशनल कोर्ट:

इंटरनेशनल कोर्ट ने साफ किया है कि ये मामला पूरी तरह से काउंसलर एक्सेस के योग्य है, जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलनी चाहिए.

कोर्ट ने साफ किया की वियना समझौते के मुताबिक हर देश को अधिकार है कि वो किसी मामले में अपने देश के नागरिक को काउंसलर एक्सेस मुहैया करा सके.

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जासूसी के आरोप साबित नहीं होते हैं

भारत:

जाधव पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं. ईरान में कारोबार करने गए जाधव को पाकिस्तान ने अगवा किया है.

पाकिस्तान:

जाधव ने अपने कबूलनामे में खुद कहा है कि वो एक भारतीय जासूस है जो पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने आया था.

इंटरनेशनल कोर्ट:

पाकिस्तान के दावों से ये पूरी तरह साबित नहीं होता कि कुलभूषण जाधव जासूस हैं. जाधव की गिरफ्तारी का मामला एक विवादित मामला है.

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वियना समझौते के तहत है जाधव मामला

भारत: जाधव केस में वियना समझौता लागू होता है, लेकिन पाकिस्तान ने जाधव को कोई न्यायिक मदद नहीं दी. चार्जशीट की कॉपी तक भारत को नहीं सौंपी गई.

पाकिस्तान:

जाधव ने अपने कबूलनामे में कहा है कि वो पाकिस्तान में जासूसी गतिविधियों में लिप्त था, इस पूरे मामले में वियना समझौता लागू नहीं होता है.

इंटरनेशनल कोर्ट:

दोनों देशों ने वियना समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. भारत की दलीलों से साबित होता है कि मामला समझौते के तहत ही आता है ऐसे में फांसी की सजा ऐसे नहीं दी जा सकती है.

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अंतिम फैसले के पहले फांसी की सजा पर रोक

भारत:

भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान जाधव को फांसी देने के जल्दबाजी में है. कोर्ट के फैसले से पहले ही जाधव को फांसी दी जा सकती है. ऐसे में कोर्ट को सुनिश्चित करना चाहिए कि फांसी की सजा पर तत्काल रोक लगे.

पाकिस्तान:

जाधव की फांसी पर पाकिस्तान ने कहा है कि उनके पास दया याचिका का अधिकार है. ऐसे में उन्हें 150 दिन मुहैया किया जाता है. पाकिस्तान को फांसी देने की जल्दबाजी नहीं हैं.

इंटरनेशनल कोर्ट:

कोर्ट ने जाधव की फांसी पर तत्काल रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि अंतिम फैसले तक पाकिस्तान ऐसा कोई कदम नहीं उठाए जिससे इस मामले में दुर्भावना सामने आए. जाधव की सुरक्षा पाकिस्तान सुनिश्चित करे.

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