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तिहाड़ जेल से 1100 कैदियों को मिली परोल, बुजुर्गों को प्राथमिकता

तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोरोनावयरस को लेकर उठाया कदम

Published
भारत
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कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देशभर में हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. इसी तरह से सभी राज्य अपनी जेलों में भी कैदियों की संख्या कम करने में जुटे हैं. दिल्ली में तिहाड़ जेल से भी कैदियों को इमरजेंसी परोल पर छोड़ा जा रहा है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल 1100 कैदियों को इमरजेंसी परोल पर छोड़ा गया है.

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जेल में भी कोरोना वायरस फैलने का डर है, इसीलिए तिहाड़ जेल पिछले कई हफ्तों से कैदियों को परोल दे रहा है. तिहाड़ जेल की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है,

“कैदियों को इमरजेंसी परोल देने का प्रोसेस लगातार जारी है. इस परोल के पूरे प्रोसेस में सबसे ज्यादा वरीयता उन कैदियों को दी जा रही है, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है. क्योंकि उन्हें कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा है. अब तक परोल पर छोड़े गए 1100 कैदियों में 30 कैदी 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं.”
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पंजाब ने हजारों कैदियों को दी परोल

दिल्ली के अलावा पंजाब में भी कोरोना वायरस के चलते हजारों कैदियों को परोल पर छोड़ा गया है. पंजाब सरकार हाल ही में ऐलान किया था कि 6 हजार कैदियों को तुरंत परोल पर छोड़ा जाएगा. इसके अलावा महाराष्ट्र और हरियाणा सरकार ने भी कैदियों को परोल देने का फैसला किया है. हरियाणा में जो कैदी पहले से परोल पर हैं, उन्हें 4 हफ्ते का एक्सटेंशन दिया जा रहा है. सरकार ने ऐसे कैदी जो 7 साल की सजा पर हैं, उन्हें 8 हफ्ते के परोल पर भेजने का फैसला किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश

कोरोना वायरस फैलने की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के राज्यों को इसे लेकर निर्देश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, "जिन कैदियों को किसी भी मामले में 7 साल या फिर इससे कम की सजा दी गई है उन्हें परोल पर छोड़ा जा सकता है. सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एक उच्चस्तरीय समिति बनाकर इसे लेकर फैसला करें. ऐसे कैदियों को 6 हफ्ते की परोल दी जा सकती है. कोरोनावायरस को रोकने के लिए हर मुमकिन उपाय किए जाने चाहिए."

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