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Qलखनऊःपुलिस में 5 हजार दारोगाओं की भर्ती,शिवपाल की विधायकी पर संकट

पढ़िए उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें Q लखनऊ में

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CBI संकट के लिए मोदी सरकार जिम्मेदारः मायावती

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने CBI में जारी घमासान पर चिंता जताई है. मायावती ने CBI के अंदर चल रहे हालातों के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है. बीएसपी चीफ ने कहा कि ताजा घटनाक्रम से जनता में सीबीआई की साख गिर रही है.

बुधवार को जारी बयान में मायावती ने कहा कि CBI में पहले से ही तमाम तरह के हस्तक्षेपों के कारण काफी कुछ गलत होता रहा है. अब इस एजेंसी में जो उठापटक हो रही है, वह देश के लिए बड़ी चिंता की बात है. इस आपसी खींचतान के लिए अफसरों से ज्यादा सरकार जिम्मेदार है. मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार की द्वेषपूर्ण, जातिवादी और सांप्रदायिकता आधारित नीतियों और कार्यों ने केवल CBI ही नहीं बल्कि हर बड़े सरकारी, संवैधानिक और स्वायत्त संस्था को संकट में डाल रखा है.

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लखनऊ में RSS-BJP की बैठक, चुनाव प्रचार की रणनीति पर मंथन

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी संगठन और संघ के पदाधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस पदाधिकारियों के अलावा बीजेपी संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद थे.

बैठक का मुख्य मुद्दा आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों के मददेनजर केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और कार्यों के बारे में जनता के बीच में ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार था. संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, संघ के कार्यकर्ता बैठक में आते हैं और उस समय की सामाजिक परिस्थितियों पर हम लोग विचार करते हैं. पत्रकारों ने पूछा कि क्या राम मंदिर की कोई चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर चर्चा नहीं हुई. उनसे पूछा गया कि क्या 2019 के लोकसभा चुनाव पर आज की बैठक में कोई चर्चा हुई तो उन्होंने जवाब दिया कि चुनाव पर कोई चर्चा नहीं हुई. बैठक के बारे में जब बीजेपी प्रवक्ता चंद्रमोहन से बात की गयी तो उन्होंने कहा, ''बीजेपी विकास के मुद्दे पर ऐसी बैठके नियमित तौर पर करती है. यह राजनीतिक बैठक नहीं थी. यह बैठक राष्ट्रहित के संदर्भ में थी और बैठक में राष्ट्र के अलग अलग मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ.''

यूपी पुलिस में पांच हजार दारोगा और होंगे भर्ती

यूपी पुलिस में सिपाही के पदों पर बंपर भर्ती के साथ ही करीब पांच हजार दारोगाओं की भर्ती की भी तैयारी है. यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक नवंबर में दारोगा भर्ती-2018 के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा. माना जा रहा है कि 51216 पदों पर सिपाहियों की भर्ती प्रकिया के साथ ही दारोगा भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.

भर्ती बोर्ड को दारोगा के करीब पांच हजार पदों पर भर्ती का निर्देश मिला है. इसके तहत उपनिरीक्षक सिविल पुलिस और पीएसी में प्लाटून कमांडर के पदों पर सीधी भर्ती होगी. उपनिरीक्षक सिविल पुलिस के कुल पदों का 20 फीसद हिस्सा महिला उपनिरीक्षक के लिए आरक्षित होगा. उल्लेखनीय है कि बीते दिनों 2192 उपनिरीक्षकों की निरीक्षक के पद पर पदोन्नति हुई थी. वहीं करीब साढ़े सात हजार मुख्य आरक्षी प्रमोशन पाकर उपनिरीक्षक बने थे. यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष/डीजी जीपी शर्मा ने बताया कि भर्ती बोर्ड जल्द उपनिरीक्षक भर्ती-2018 के कुल पद व विस्तृत प्रोग्राम जारी करेगा. इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है.

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शिवपाल की विधायकी पर संकट

शिवपाल सिंह यादव की नई पार्टी ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया’ का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद अब उनकी विधायकी पर संकट खड़ा हो सकता है. समाजवादी पार्टी ने फिलहाल उन्हें पार्टी से नहीं निकाला है लेकिन, सदन चलने पर खुद शिवपाल के लिए भी असमंजस की स्थिति खड़ी होगी. माना जा रहा है कि शिवपाल इससे पहले ही कोई फैसला कर सकते हैं.

शिवपाल जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. उनके अलग मोर्चा बना लेने के बाद भी पार्टी ने उन्हें निकाला नहीं है. समाजवादी पार्टी अभी भी उन्हें निकालने के मूड में नहीं है और उनके अगले कदम का इंतजार कर रही है. शिवपाल क्या करेंगे, इसे लेकर वह खुद और उनके समर्थक चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि, समाजवादी पार्टी को लेकर शिवपाल की आक्रामकता बढ़ी है और उन्होंने सीधे हमले करने शुरू किए हैं. शिवपाल की नई पार्टी बनने के बाद भी उसकी ओर से विधानसभा अध्यक्ष को कोई शिकायत नहीं दी गई है.

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मुख्यमंत्री से मिला आश्वासन, दो माह टली शिक्षक-कर्मचारी हड़ताल

कर्मचारी नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आश्वासन मिलने के बाद अपनी हड़ताल को दो महीने के लिए टाल दिया है. आंदोलनकारी कर्मचारियों ने कहा था कि वह पुरानी पेंशन की बहाली से कम पर किसी भी सूरत में हड़ताल वापस नहीं लेंगे लेकिन संगठन के पदाधिकारी अचानक बैकफुट पर आ गए और उन्होंने पूरे मामले की समीक्षा के लिए केवल समिति गठित करने के आश्वासन पर ही हड़ताल टाल दी. गुरुवार से प्रस्तावित तीन दिन की हड़ताल के लिए सभी जिलों में कई हफ्तों से तैयारी में जुटे कर्मचारियों में इसे लेकर नाराजगी भी है.

बुधवार सुबह मुख्यमंत्री के साथ कर्मचारी नेताओं की बैठक में तय हुआ कि पेंशन योजना की समीक्षा के लिए समिति गठित की जाएगी, जो दो महीने में रिपोर्ट देगी. पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग पर प्रस्तावित हड़ताल रोकने के लिए कई दिनों से मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय के स्तर पर वार्ता विफल होने के बाद बुधवार सुबह आठ बजे ही मुख्यमंत्री ने कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया था. शासन ने बीती रात ही कार्मिक विभाग और पेंशन निदेशालय से पुरानी पेंशन बहाली की समीक्षा के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव तैयार करा लिया था. पुरानी पेंशन बहाली मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी और अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद शर्मा ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद दावा किया कि दो महीने में समिति के सकारात्मक परिणाम न आए तो हड़ताल की जाएगी.

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