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Q लखनऊः UP-UK के बीच परिवहन समझौता, MLC को ND तिवारी का बंगला

पढ़िए उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें Q लखनऊ में

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यूपी और उत्तराखंड के बीच समझौता, परमिट की आवश्यकता होगी खत्म

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच सोमवार को परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इससे दोनों राज्यों को एक दूसरे के यहां अपनी बसें चलाने के लिये परमिट की आवश्यकता खत्म हो जायेगी और बसों का आवागमन बढ़ेगा. उत्तराखंड के गठन के 18 साल बाद लखनऊ में इस ऐतिहासिक समझौते के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे.

इस समझौते पर उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला और उत्तराखण्ड के सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने हस्ताक्षर किए. इस मौके पर उत्तराखंड के सीएम रावत ने कहा कि इस समझौते से दोनों राज्यों की जनता को अब परिवहन की बेहतर सुविधा मिलेंगी और सारे आपसी विवाद हल हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों की सरकारें समाधान में विश्वास करती हैं. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच परिवहन समझौता होने से दोनों राज्यों के बीच बसों का आवागमन बढ़ जाएगा.

इस समझौते से अब हर रोज यूपी परिवहन निगम की बसें उत्तराखंड में 216 मार्गों पर एक लाख 39 हजार किलोमीटर चलेंगी जबकि उत्तराखंड की बसें यूपी में 335 मार्गों पर दो लाख 52 हजार किलोमीटर चलेंगी.

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यूपी बोर्ड में पढ़ाया जाएगा वैदिक गणित

यूपी बोर्ड में भी अब वैदिक गणित पढ़ाया जाएगा. बता दें कि वैदिक गणित को लेकर विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की ओर से बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर बोर्ड ने सहमति जता दी है.

वैदिक गणित को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने को लेकर इसका सिलेबस तैयार किया जा चुका है. जल्द ही बाजार में इसकी किताबें भी आ जाएंगी. संभव है कि अगले सत्र से इसे स्कूलों में इसे लागू कर दिया जाएगा.

विद्या भारती की ओर से आयोजित प्रेसवार्ता में संस्थान के महामंत्री ललित बिहारी गोस्वामी ने बताया कि हमारी शिक्षा राष्ट्र केंद्रित नहीं है, इसमें पश्चिमी सभ्यता की छाप है. इसको दूर करने और अपनी शिक्षा को देश केंद्रित बनाने के लिए बोर्ड को 32 बिंदुओं का प्रस्ताव भेजा था. इसमें वैदिक गणित को बोर्ड ने स्वीकृत कर लिया है.

जब तक कश्मीर में हिंदू राजा था, तब तक हिंदू और सिख सुरक्षित थे: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के सिख समागम में कहा कि जब तक कश्मीर में हिंदू राजा था तब तक हिंदू और सिख सुरक्षित थे. जब हिंदू राजा का पतन हुआ, हिंदुओं का भी पतन होना शुरू हो गया. सीएम ने सवाल करते हुए कहा कि आज वहां कि स्थिति क्या है? कोई अपने को सुरक्षित बोल सकता है? नहीं. उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से सीख लेना चाहिए.

इससे पहले सीएम योगी ने शनिवार को कहा था कि सबके लिए राष्ट्रवाद सबसे बड़ा धर्म होना चाहिए और नक्सलवाद, आतंकवाद, भ्रष्टाचार तथा देश के हितों के खिलाफ काम करने वालों के विरूद्ध सामूहिक आवाज उठनी चाहिए.

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अनुप्रिया पटेल के विधायक पति को मिला ND तिवारी का बंगला

शिवपाल सिंह के बाद अब यूपी की योगी सरकार ने अपना दल की अनुप्रिया पटेल के विधायक पति पर मेहरबानी दिखाई है. अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमएलसी आशीष पटेल को मॉल एवेन्यू स्थित बंगला नंबर एक-ए अलॉट किया गया है. इस बंगले में पहले पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी रहा करते थे. जानकारों की मानें तो योगी सरकार की इस मेहरबानी को सहयोगी दलों को खुश रखने की कवायद माना जा रहा है.

विशेष सचिव और राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ल ने एमएलसी आशीष पटेल को बंगला आवंटित किए जाने का आदेश जारी किया है. इस आवंटन के साथ ही आशीष पटेल को पूर्व में आवंटित गोमतीनगर विभूति खंड स्थित आवास का आवंटन निरस्त कर दिया गया है. प्रदेश सरकार में सहयोगी अपना दल (एस) ने प्रदेश सरकार से लखनऊ में कार्यालय आवंटित करने की मांग कर रखी थी. कार्यालय का आवंटन तो नहीं हुआ लेकिन सरकार ने अपना दल के नेता को इतना बड़ा बंगला जरूर दे दिया है, जहां से वह पार्टी के संगठनात्मक कार्यों का भी संचालन कर सकेंगे.

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खराब होने लगी है यूपी के शहरों की ‘हवा’

सर्दियों की दस्तक के बीच उत्तर प्रदेश के कई शहरों की हवा अब जहरीली होना शुरू हो गयी है. राज्य के ज्यादातर प्रमुख नगरों में हवा की गुणवत्ता सेहत के लिये ‘बहुत खराब' आंकी गयी. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के कानपुर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा और बागपत समेत कई शहरों में प्रमुख प्रदूषणकारी तत्व पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की खतरनाक स्तर तक मौजूदगी रही.

इनमें से कानपुर की स्थिति तो बेहद खराब रही. AQI के मुताबिक, उद्योग नगरी कानपुर में प्रदूषण का स्तर ‘बेहद खराब' श्रेणी का रहा. यहां शाम पांच बजे पीएम 2.5 की मौजूदगी 400 से अधिक रही. गाजियाबाद, बागपत, नोएडा, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, ग्रेटर नोएडा, आगरा, लखनऊ भी बहुत खराब की श्रेणी में रहे. मालूम हो कि पीएम 2.5 ऐसे महीने प्रदूषणकारी कण होते हैं जो हमारी रक्तवाहिकाओं में पहुंचकर गम्भीर बीमारियां पैदा करते हैं.

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