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Tokyo Olympics में छाई भारतीय हॉकी टीम, ओडिशा सरकार की क्यों हो रही चर्चा?

मेंस और वीमेंस हॉकी टीमों के Olympics सेमीफाइनल में पहुंचने के पीछे लोगों ने ओडिशा सरकार का हाथ बताया है.

Published
भारत
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टोक्यो में चल रहे ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) के लिए क्रेडिट लेने की होड़ भारत में चल रही है. मीराबाई चानू का मेडल हो या फिर पीवी सिंधु का, पोस्टर पर खिलाड़ियों के साथ-साथ नेता भी अपनी बड़ी सी तस्वीर चाहते हैं. लेकिन इसी बीच, भारत की मेंस और वीमेंस हॉकी टीम के ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही, सोशल मीडिया पर ओडिशा की मुख्यमंत्री ट्रेंड करने लगे. ट्विटर पर कई लोगों ने दोनों टीमों के सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए पटनायक का शुक्रिया अदा किया. कारण? ओडिशा सरकार पिछले पांच सालों से नेशनल मेंस और वीमेंस हॉकी टीम की ऑफिशियल स्पॉन्सर है.

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नेशनल मेंस और वीमेंस हॉकी टीमों को पिछले चार सालों से ओडिशा सरकार स्पॉन्सर कर रही है. मेंस टीम ओलंपिक के सेमीफाइनल में बेल्जियम से हारकर गोल्ड की रेस से बाहर हो गई है, लेकिन वीमेंस टीम से उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं.

हॉकी इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का किया काम

जब साल 2018 में, सहारा ने हॉकी टीमों से अपनी स्पॉन्सरशिप वापस ले ली थी, तब ओडिशा सरकार ने पांच सालों के लिए टीमों को स्पॉन्सर करने का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था. इस तरह ओडिशा किसी भी नेशनल टीम को स्पॉन्सर करने वाला पहला राज्य बन गया था.

ओडिशा ने पिछले पांच सालों में हॉकी के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए काफी काम किया है. राज्य ने कई हॉकी टूर्नामेंट्स भी होस्ट किए हैं. ओडिशा ने साल 2018 में वर्ल्ड कप, 2014 में चैंपियन्स ट्रॉफी और 2017 में हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल की मेजबानी की थी. 2023 मेंस हॉकी वर्ल्ड कप को भी ओडिशा ही होस्ट कर रहा है.

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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य कैबिनेट ने मार्च में भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम के डेवलपमेंट और राउरकेला में इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम के कंस्ट्रक्शन के लिए 350 करोड़ का स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट भी पास किया है. कहा जा रहा है कि राउरकेला का स्टेडियम 20 हजार के बैठने की क्षमता के साथ सबसे बड़ा होगा.

वीमेंस हॉकी टीम के सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करने पर पटनायक ने ट्वीट कर कहा, "पूरे देश के लिए ये गर्व की बात है कि महिला हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है. हम, ओडिशा के लोग, इस पर गर्व करते हैं कि ओडिशा 2014 से दोनों नेशनल टीमों को सपोर्ट कर रहा है."

इसके अलावा, राज्य सरकार ने 2018 में टाटा ग्रुप के साथ मिलकर कलिंगा स्टेडियम में हॉकी हाई परफॉर्मेंस सेंटर की स्थापना की थी. इसमें 12 ग्रासरूट सेंटर भी हैं, जहां 2500 यंग ट्रेनियों को ट्रेन किया जा रहा है. राज्य में 20 स्पोर्ट्स हॉस्टल हैं, जिसमें से सुंदरगढ़ के दो हॉस्टल पूरी तरह से हॉकी के लिए हैं.

ओडिशा ने दिलीप तिरकी, सुनिता लाखरा और बिरेंद्र लाखरा जैसे कई नामचीन हॉकी खिलाड़ी भी भारत को दिए हैं. दोनों टीमों के वाइस कैप्टन- बिरेंद्र लाखरा (मेंस) और दीप ग्रेस इक्का (वीमेंस) ओडिशा से ही आते हैं.

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सोशल मीडिया पर पटनायक की तारीफ

सोशल मीडिया यूजर्स ने मेंस और वीमेंस हॉकी टीमों के ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने के पीछे ओडिशा सरकार का हाथ बताया है.

हॉकी को स्पॉन्सर करने पर पटनायक ने 2018 में कहा था, "ओडिशा में हॉकी खेल से ज्यादा है, ये जीने का तरीका है, खासकर हमारे ट्राइबल इलाकों में, जहां बच्चे हॉकी स्टिक के सहारे चलना सीखते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि ओडिशा ने भारत के सबसे बेहतरीन हॉकी टैलेंट को निकाला है. ये पहली बार है जब कोई राज्य सरकार न केवल अपनी सीमाओं के भीतर एक खेल को बढ़ावा देगी, बल्कि भारतीय हॉकी का समर्थन और पोषण भी करेगी. ये राष्ट्र के लिए ओडिशा का गिफ्ट है."

ओलंपिक मेडल में खुद के लिए लाइमलाइट ढूंढने की होड़ में, पटनायक का यूं शांत तरीके से भारत के नेशनल स्पोर्ट को सपोर्ट करना यूजर्स को काफी पसंद आया.

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टोक्यो ओलंपिक पर भारत में राजनीति

ओलंपिक मेडलिस्ट के सम्मान समारोह में खिलाड़ी की जगह, पीएम मोदी की बड़ी तस्वीर लगाने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाए हैं. ट्विटर पर कई लोगों ने लिखा कि जब सम्मान समारोह खिलाड़ी के लिए है, तो प्रधानमंत्री की बड़ी तस्वीर क्यों?

ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वालीं मीराबाई चानू के सम्मान समारोह में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी शामिल हुए थे. इस दौरान, खिलाड़ी के पीछे लगे बैनर पर खिलाड़ी और प्रधानमंत्री की तस्वीर दिखाई दे रही थी. इस फोटो पर सोशल मीडिया पर तमाम तरह के सवाल उठे.

कई लोगों ने ये भी सवाल किया कि इस पोस्टर पर खेल मंत्री की बजाय प्रधानमंत्री की तस्वीर क्यों है.

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