'टूलकिट' केस में आरोपी बनाए गए शांतनु मुलुक को हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने ट्रांजिट बेल दी है. बेंच ने संबंधित कोर्ट जाने के लिए 10 दिन का समय दिया है. निकिता जैकब पर फैसला बेंच ने कल तक के लिए रिजर्व कर लिया है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया था कि तीन लोगों ने मिलकर टूलकिट को तैयार किया और दुनियाभर में फैलाने का काम किया. दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार हुईं क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के हवाले से बताया था कि निकिता जैकब और शांतनु भी इसमें शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस ने जूम से मांगी है जानकारी
इस बीच दिल्ली पुलिस ने सॉफ्टवेयर फर्म जूम को यह पता लगाने के लिए लिखा है कि 11 जनवरी को खालिस्तान पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा आयोजित वर्चुअल जूम मीटिंग में कौन-कौन से कार्यकर्ता शामिल हुए थे, जिसमें 'ग्लोबल डे ऑफ एक्शन' के तौर-तरीकों पर काम किया गया था और उस जूम मीटिंग में तय की गई कार्रवाई के आधार पर निकिता जैकब, शांतनु, दिशा और अन्य ने मिलकर 'टूलकिट' दस्तावेज का मसौदा तैयार किया. दिल्ली पुलिस इस बात की भी पुष्टि कर रही है कि क्या बैठक में वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी भाग लिया था.
क्या है मामला?
स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत के 3 कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 'टूलकिट' ट्वीट किया था. इस पर दिल्ली पुलिस ने 'टूलकिट' बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी को आईपीसी की धारा 124-ए, 120-ए और 153-ए के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने दिशा रवि को यह दस्तावेज बनाने और उसका प्रसार करने की महत्वपूर्ण साजिशकर्ता बताया. बाद में निकिता और शांतनु का भी नाम सामने.
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