जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सेना के दो वरिष्ठ अधिकारी सहित पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए. इलाके में हुई एक मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए हैं. IG कश्मीर ने बताया कि ढेर किए गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर हैदर भी है.ना ने रविवार को इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि दो वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों में दो जूनियर रैंक के अफसर, एक स्थानीय पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं.
प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री समेत कई हस्तियों ने इन शहीदों की शहादत को सलाम किया है.
हंदवाड़ा में शहीद हमारे साहसी सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि. उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. उन्होंने अत्यंत समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा की और देश के नागरिकों की रक्षा के लिए लगातार काम किया. उनके परिवारों और दोस्तों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
हंदवाडा़ में हमारे सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों की शहादत बेहद दर्दनाक और परेशान करने वाला है. इन शहीदों ने आतंकवादियों के खिलाफ अपनी लड़ाई में साहस दिखाया और देश की सेवा के लिए सर्वोच्च त्याग किया है. हम कभी उनकी बहादुरी और बलिदान को भूला नहीं सकेंगे.राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री
भारत और भारत के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर शहीदों को सलाम. हमें आप पर गर्व है.रणदीप सुरजेवाला, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस
इन कर्मियों को सलाम करते हुए, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हंदवाड़ा में हुआ यह ऑपरेशन लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों के दृढ़ संकल्प को उजागर करता है.जनरल रावत ने कहा, "कमांडिंग ऑफिसर अपनी यूनिट के सदस्यों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अन्य कर्मियों के साथ मोर्चे पर आगे बढ़ रहे थे. उनके लिए खुद से पहले नागरिकों की सेवा ही जीवन का मकसद है."
20 घंटे तक चली मुठभेड़
एक शीर्ष सूत्र ने आईएएनएस से कहा,
“हंदवाड़ा तहसील के चंजिमुल्ला गांव में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच 20 घंटे तक चली लंबी मुठभेड़ में हंदवाड़ा तहसील के रजवार इलाके में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर एक कर्नल, कंपनी कमांडर एक मैजर, स्थानीय पुलिस के एसओजी के एक अधिकारी के अलावा एक लांस नायक और एक राइफलमैन शहीद हुए हैं.”
इससे पहले सूत्रों ने आईएएनएस को बताया था कि इलाके में नागरिक जीवन और संपत्ति को कोई क्षति ना पहुंचे इसके लिए चुपचाप ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए घर के भीतर गए सुरक्षाकर्मियों के साथ कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था.
ऐसे में सेना के पैरा कमांडो और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने रविवार सुबह पहली किरण के साथ ही आतंकवादियों के खिलाफ अंतिम हमले की शुरुआत की थी. पैरा कमांडो ने सुरक्षाकर्मियों और घर के अंदर छिपे आतंकवादियों को अलग करने के लिए अभियान शुरू किया था.
शनिवार को शुरू हुआ था ऑपरेशन
बता दें कि सुरक्षाबलों ने रजवार वन क्षेत्र में कथित रूप से छिपे आतंकवादियों के खिलाफ शनिवार को इस ऑपरेशन की शुरुआत की थी. शहीद हुए कर्मियों ने ऑपरेशन के दौरान घर में प्रवेश करते हुए अपनी जान को जोखिम में डाल कर कार्रवाई को अंजाम दिया था.
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