मैदानी इलाकों में गर्मी बढ़ने के साथ ही लोगों ने पहाड़ों का रुख करना शुरू कर दिया है. दिल्ली-उत्तर प्रदेश में रोज गर्मी के रिकॉर्ड टूट रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग उत्तराखंड के नैनीताल, मसूरी और ऋषिकेश जैसी ठंडी जगहों की ओर जा रहे हैं. इतनी भारी संख्या में टूरिस्ट्स के आने से इन जगहों पर जगह की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. दूर शहरों से पहाड़ों की ठंडी हवा का मजा लेने आए ये सैलानी सड़कों पर सोने को मजबूर हैं. कुछ जगह तो हालात ऐसे हैं कि पुलिस गाड़ियों को शहर के आउटर पर रोकने को मजबूर है.
उत्तराखंड के मसूरी और नैनीताल में हालात सबसे ज्यादा बुरे हैं. गाड़ियों के लिए पार्किंग की जगह कम होने के कारण नैनीताल को हर टूरिस्ट सीजन इस समस्या से गुजरना पड़ता है. झीलों के इस शहर में इस बार भी बड़ी तादाद में सैलानी पहुंचे हैं.
नैनीताल में पार्किंग के लिए कम जगह होने के कारण गाड़ियों को आउटर पर ही रोका जा रहा है. इन गाड़ियों को तभी शहर के अंदर आने दिया जा रहा है, जब शहर में पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध हो रही हो. नैनीताल में सिर्फ 1500 से 2000 गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा है. ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, हलद्वानी, कालाडूंगी और भोवाली रोड पर गाड़ियों को रोका जा रहा है.
मसूरी-हरिद्वार में भी ऐसे ही हालात
ऐसा ही कुछ हाल पहाड़ों की रानी मसूरी का भी है. गर्मी के कारण सैलानियों की बाढ़ ने इस शहर में ट्रैफिक की समस्या को इतना बढ़ा दिया है कि होटलों में भी जगह नहीं मिल रही है. मसूरी और नैनीताल में सभी होटल बुक हो गए हैं, जिस कारण लोग सड़कों पर सोने को मजबूर हैं. छुट्टियां मनाने पहाड़ों पर आए लोग गाड़ियों को सड़क किनारे लगाकर वहीं रातें गुजार रहे हैं.
दिल्ली-हरिद्वार हाइवे पर जाम
मसूरी और नैनीताल के अलावा उत्तराखंड के दूसरे शहर, हरिद्वार और ऋषिकेश में भी हालात ज्यादा अच्छे नहीं हैं. कुछ ‘स्नान की तारीख’ पड़ने के कारण हरिद्वार में भी लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ा. हरिद्वार में घुसने वालों को कुछ किलोमीटर का सफर तय करने में घंटे लग गए. हरिद्वार में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है, इस कारण गाड़ियां शहर में और रेंग-रेंग कर चल रही हैं.
कई यूजर्स ने ट्रैफिक जैम की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कीं.
गर्मियों की छुट्टियां और चार धाम यात्रा ने पहाड़ों पर ट्रैफिक को और बढ़ा दिया है.
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