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TRP घोटाले पर प्राइम टाइम: ‘मदारी का खेल’ से लेकर ‘सत्यानाश’ तक

टीआरपी रैकेट को लेकर रिपब्लिक टीवी पर बरसे न्यूज चैनल

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मुंबई पुलिस ने टीआरपी रैकेट को लेकर एक बड़े खुलासे का दावा किया और बताया कि कैसे टीआरपी को खरीदा जा रहा था. इस पूरे मामले में सबसे बड़ा नाम रिपब्लिक टीवी का सामने आया. जिसके बाद इसके मालिक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की मांग भी उठने लगी. वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जो इस चैनल के समर्थन में उतरे. लेकिन चैनलों के इस टीआरपी खेल पर बाकी न्यूज चैनलों ने क्या कहा ये आप जरूर जानना चाहेंगे. गुरुवार 8 अक्टूबर की रात लगभग हर न्यूज चैनल ने अपने प्राइम टाइम में इसी खबर को दिखाया. जानिए किस चैनल ने इस टीआरपी घोटाले पर क्या कहा.

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टीआरपी रैकेट को लेकर न्यूज चैनलों ने “मदारी का खेल”, “बूथ कैप्चरिंग”, “पत्रकारिता पर कलंक”, “सत्यानाश”, “चोर”, “साजिश”, “विश्वासघात”, “धोखा” और “फ्रॉड”, जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया.

NDTV इंडिया : मदारी का खेल, पत्रकारिता का सत्यानाश

NDTV हिंदी में रवीश कुमार कहते हैं कि न्यूज चैनलों और मदारी के खेल में अंतर होता है. आप जानते हैं कि मदारी खेल दिखा रहा है और मदारी का खेल खत्म हो जाता है. न्यूज चैनलों का खेल खत्म नहीं होता है. न्यूज चैनलों को बहुत से लोग यह समझ कर देखते हैं कि वो खबर दिखा रहा है. कहीं ऐसा तो नहीं कि आज मदारी और न्यूज चैनलों के खेल का पर्दाफाश हो गया है. मुंबई पुलिस ने आज टीआरपी के एक ऐसे खेल को उजागर किया है जिससे पता चलता है कि सिर्फ 500 रुपये देकर भारत की पत्रकारिता का सत्यानाश कर दिया. अगर पुलिस और रेटिंग एजेंसी की जांच अदालत तक जाकर साबित होती है तो इससे गोदी मीडिया का रहस्य बाहर आ जाएगा. इस कार्यक्रम में ऑनिंद्यो चक्रवती ने TRP के खेल के बारे में बताया.

ZEE News हिंदी : टीआरपी चोरी की तुलना बूथ कैप्चरिंग से, पत्रकारिता पर कलंक

जी न्यूज हिंदी के कार्यक्रम डीएनए में सुधीर चौधरी ने कहा कि टीआरपी की इस चोरी की तुलना आप बूथ कैप्चरिंग से कर सकते हैं. नेताओं के लिए जो महत्व वोटों का है, टीवी चैनलों के लिए वही महत्व टीआरपी का है. मीडिया का हिस्सा होने के नाते हम भी बहुत दुखी हैं क्योंकि, मीडिया जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, उस स्तंभ को आज टीआरपी की दीमक खा गई है. जो न्यूज चैनल इस स्तंभ को खंडित होने से बचाने का दावा करते थे वो खुद आज इस स्तंभ को टीआरपी वाले हथौड़े से तोड़ते हुए रंगे हाथों पकड़े गए हैं.

सुधीर चौधरी ने कहा कि ये बहुत बड़ी विडंबना है कि कल 8 अक्टूबर को जब टीआरपी घोटाले का खुलासा हुआ इस दिन देश के सबसे बड़े साहित्यकारों में से एक मुंशी प्रेम चंद की पुण्यतिथि है. मुंशी प्रेम चंद आज भी प्रासंगिक हैं. उन्होंने लोकप्रियता की खातिर अपने साहित्यिक मापदंडों से कभी समझौता नहीं किया.

मुंशी प्रेम चंद ने अपनी एक कहानी में लिखा था- क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे? आज अगर वो जीवित होते तो ये खबर देखकर शायद कहते कि टीआरपी घटने के डर से ईमान की बात न कहोगे?

आज तक: “रिपब्लिक टीवी TRP चोर है”, पैसे फेंको TRP देखो

आज तक में चैनल की एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि “रिपब्लिक टीवी टीआरीपी चोर है”! ये आरोप है. मुबंई पुलिस ने सनसनी खेज खुलासा किया है. पैसा देकर टीआरपी जुटाने का काम किया गया है, देश की जनता को धोखा देने के रैकट का भंडाफोड किया है. भारतीय टेलीविजन के इतिहास में यह पहला ऐसा मौका है जब किसी टीवी चैनल नेटवर्क पर देश के भरोसे के साथ खिलवाड़ करने के इतने संगीन आरोप लगे हैं. रिपब्लिक टीवी का बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, पैसे फेंको टीआरपी देखो.

ABP न्यूज: रिपब्लिक टीवी की चोरी पकड़ी गई, देश साथ धोखा हुआ है

एबीपी न्यूज की प्रमुख एंकर्स में एक रूबिका लियाकत ने पांच बजे कहा कि आज आपसे संवाद करना जरूरी है, क्योंकि आपके साथ, दर्शकों के साथ, हिंदुस्तान के टेलिविजन इतिहास में पहली बार इतना बड़ा धोखा हुआ है. ये धोखा आपके विश्वास के नाम पर हुआ है. ये विश्वासघात किसी और ने नहीं रिपब्लिक भारत टीवी ने किया है. जाने-माने जर्नलिस्ट और अपने आप को पत्रकार कहने वाले उस चैनल के मालिक अर्नब गोस्वामी ने किया है. आज झूठ का पर्दाफाश हो गया है. रिपब्लिक टीवी ने टीआरपी की घोटालेबाजी की है. टीआरपी को खरीदा है यानी आपके विश्वास को खरीदा है. आज हमें पता चल गया है कि विलेन कौन है? कैसे वह लोगों के माइंडसेट और परसेप्शन के साथ खेल रहा था. इस कार्यक्रम में दिबांग, प्रदीप सिंह,जैसे वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल थे.

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इंडिया टीवी : रिपब्लिक टीवी की चोरी पकड़ी गई, देश साथ धोखा हुआ है

आज की बात रजत शर्मा के साथ के कार्यक्रम में चैनल के एडिटर-इन-चीफ और एंकर रजत शर्मा ने कहा कि यह खबर दुख देनी वाली है. मुंबई ने खुलासा किया है, जिसने मुझे चौका दिया है. इस पूरे कार्यक्रम के दौरान रजत शर्मा ने हर बात और आरोप के साथ पुलिस का हवाला दिया. उन्होंने पुलिस से सवाल किया कि सुशांत मामले के कारण कहीं यह जांच तो नहीं हुई.

क्या है मामला?

टीवी चैनलों की टीआरपी को लेकर मुंबई पुलिस ने बड़ा खुलासा किया. मुंबई पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कुछ मीडिया चैनलों ने पिछले दिनों अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए हंसा कंपनी के पूर्व कर्मचारियों को पैसे दिए. जिसके बाद उन लोगों द्वारा ने मुंबई के घरों में जाकर लोगों को उस चैनल को लगाए रखने के लिए कहा गया. इसके लिए लोगों को 500 रुपये प्रति महीने भी दिए जाते थे. इस खुलासे में रिपब्लिक टीवी के साथ-साथ दो अन्य छोटे चैनलों के मालिकों का भी नाम है. साथ ही हंसा कंपनी के दो पूर्व कर्मचारियों और रिपब्लिक को छोड़कर बाकी दो चैनलों के मालिकों को गिरफ्तार किया गया है.

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