टीआरपी घोटाले को लेकर उत्तर प्रदेश में भी एक मामला दर्ज किया गया है. जिसके बाद यूपी सरकार ने इस मामले को सीधे सीबीआई को सौंप दिया. जिसके बाद सीबीआई ने केस अपने हाथों में लेकर मामला दर्ज कर लिया है. वहीं दूसरी तरफ इसी मामले में मुंबई पुलिस की एक स्पेशल टीम भी जांच में जुटी है. सबसे पहले इस टीआरपी रैकेट का खुलासा मुंबई पुलिस की तरफ से ही किया गया था, जिसमें रिपब्लिक टीवी सबसे बड़ा नाम था.
उत्तर प्रदेश में दर्ज हुई थी FIR
दरअसल मुंबई के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोल्डन रैबिट कम्युनिकेशंस ने टीआरपी घोटाले को लेकर एक शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद यूपी पुलिस ने मामला दर्ज किया. लेकिन यूपी सरकार ने सीबीआई से अपील करते हुए कहा कि वो इस मामले को देखे.
बता दें कि मुंबई पुलिस ने इस टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था और इस मामले में सबसे बड़ा नाम रिपब्लिक टीवी का निकलकर सामने आया था. इसके अलावा दो अन्य रीजनल चैनल फख्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिकों को गिरफ्तार किया गया था.
ऐसे होता था टीआरपी घोटाले का खेल
पुलिस के मुताबिक, ये खेल कुछ इस तरह खेला जा रहा था कि जिन घरों से टीआरपी ली जा रही थी, सबसे पहले उनकी पहचान हो रही थी. इसके बाद उन घरों में जाकर पैसे दिए जा रहे थे और एक खास चैनल लगाकर रखने को कहा जा रहा था. इस तरह से ये सभी चैनल अपनी टीआरपी बढ़ाने का काम कर रहे थे, जिसके आधार पर उन्हें करोड़ों के विज्ञापन मिलते हैं.
ये मामला अब कोर्ट में भी है. हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को आरोपी बनाती है तो वो उन्हें पूछताछ के लिए समन कर सकती है.
वहीं कोर्ट में अर्णब के वकील ने ये भी अंदेशा जताया कि मुंबई पुलिस उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है, इसीलिए उन्होंने अर्णब की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की.
वहीं मुंबई पुलिस की तरफ से पेश हुए कपिल सिबल ने कहा कि अगर ऐसा कुछ होता है तो आरोपी अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
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