मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले की अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए गुरुवार को ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) रोमिल रामगढ़िया को गिरफ्तार कर लिया. टीआरपी घोटाले की जांच में यह 14वीं गिरफ्तारी है. इससे पहले रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी को 13 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. विकास को 15 दिसंबर तक हिरासत में भेज दिया गया और 16 दिसंबर को उसे जमानत मिल गई.
फर्जी टीआरपी रैकेट का हुआ था खुलासा
अधिकारियों ने कहा कि क्राइम ब्रांच को सनसनीखेज टीआरपी धांधली मामले के अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है.
फर्जी टीआरपी घोटाले का ये मामला इस साल अक्टूबर में सामने आया था. रेटिंग एजेंसी बार्क ने हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिए एक शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी के नंबरों में हेराफेरी कर रहे हैं. बार्क ने कुछ घरों में टीवी के दर्शकों की संख्या रिकॉर्ड करने वाले बैरोमीटर लगाने का जिम्मा हंसा को दिया था.
आरोप है कि जिन कुछ घरों में बैरोमीटर लगाए गए थे, उनमें से कुछ परिवारों को रिश्वत देकर टीवी पर कुछ विशेष चैनल चलाने के लिए कहा गया, ताकि उनकी टीआरपी बढ़ सके.
अधिकारियों ने कहा कि पिछले अक्टूबर में रिपब्लिक टीवी, फकत मराठी, बॉक्स सिनेमा और अन्य कई टेलीविजन चैनलों की कथित संलिप्तता सामने आई.
रामगढ़िया ने अपने छह साल के कार्यकाल को पूरा करने के बाद बार्क छोड़ दी और इसे बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी टेलीविजन व्यूअरशिप मापक कंपनी के रूप में वर्णित किया.
हालांकि, रिपब्लिक टीवी ने आरोपों का खंडन किया है और मुंबई पुलिस पर चैनल और उसके अधिकारियों को परेशान करने और उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.
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