टेलिविजन रेटिंग पॉइंट (TRP) घोटाले मामले में मुंबई पुलिस ने मंगलवार, 22 जून को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को आरोपी बनाया है. इस मामले में FIR दर्ज करने के नौ महीने बाद पुलिस ने अर्णब गोस्वामी को आरोपी बनाया है.
पुलिस ने कोर्ट में 1,800 पन्नों के सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है जिसमें गोस्वामी और एआरजी आउटलियर मीडिया (जो रिपब्लिक टीवी का मालिक है) के चार और लोगों का नाम शामिल है.
मामले में अन्य आरोपी प्रिया मुखर्जी, शिवेंदु मुलेकर और शिव सुंदरम हैं. पुलिस ने इस मामले में अब तक 15 लोगों को आरोपित किया है, जिनमें ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी शामिल हैं.
दासगुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों के साथ मिलकर टीआरपी रेटिंग्स में हेरफेर किया है.
24 मार्च को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने गोस्वामी को उनकी याचिका में गिरफ्तारी से सीमित सुरक्षा प्रदान की थी, जिसमें पुलिस के खिलाफ "गंभीर दुर्भावना" का आरोप लगाया गया था, खासकर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ.
WhatsApp चैट्स लीक के बाद हंगामा
बता दें कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की कथित WhatsApp चैट्स के स्क्रीनशॉट लीक को लेकर भी काफी हंगामा हुआ था. WhatsApp चैट्स पुलिस की चार्जशीट का हिस्सा है. इन कथित चैट्स से की बातों से ऐसा लग रहा था कि BARC के पूर्व CEO रिपब्लिक को फायदा पहुंचाने की बात कर रहे हैं और अर्णब सरकार में अपनी पहुंच से BARC को फायदा पहुंचाने की बात कर रहे हैं.
इससे पहले अक्टूबर 2020 में, मुंबई पुलिस ने ‘टीआरपी घोटाले’ का भंडाफोड़ करने का दावा किया था, जिससे कथित तौर पर टीआरपी में हेरफेर किया गया था. मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने कहा था कि भारत में टेलीविजन रेटिंग को मापने वाले बार्क द्वारा रेटिंग में हेराफेरी की जा रही है.
पुलिस ने रिपब्लिक टीवी और दो अन्य मराठी चैनलों का नाम लिया जो कथित तौर पर इसमें शामिल थे.
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