टीआरपी रैकेट को लेकर हुए खुलासे में रिपब्लिक टीवी का नाम भी सामने आया था. जिसके बाद चैनल ने इन आरोपों से साफ इनकार किया था और मुंबई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ मानहानि का केस करने की बात कही थी. इस पूरे मामले को लेकर रिपब्लिक टीवी सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक की इस याचिका को सुनने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि रिपब्लिक टीवी को किसी आम नागरिक की ही तरह पहले बॉम्बे हाईकोर्ट जाना चाहिए.
याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट पर रखना चाहिए भरोसा
बता दें कि पिछले दिनों मुंबई पुलिस कमिश्नर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उन्होंने टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. जिसमें पैसे देकर चैनल टीआरपी खरीदने का काम कर रहे थे. इस दौरान तीन टीवी चैनलों में रिपब्लिक का नाम भी लिया गया. इस मामले को लेकर रिपब्लिक टीवी की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
“सीआरपीसी के तहत जांच का सामना करने वाले किसी भी सामान्य नागरिक की तरह याचिकाकर्ताओं को भी पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए. हमें हाईकोर्ट में विश्वास रखना चाहिए.”
रिपब्लिक टीवी की ओर से जाने माने सीनियर वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की. कोर्ट ने साल्वे से कहा कि वो इस मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट में लेकर जाएं.
पुलिस कमिश्नर के इंटरव्यू पर भी सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई कमिश्नर के टीआरपी रैकेट को लेकर दिए जा रहे इंटरव्यू को लेकर भी चिंता जाहिर की. हालांकि कोर्ट ने उनका नाम नहीं लिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो पुलिस कमिश्नरों के इंटरव्यू देने को लेकर चिंतित है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच जिसमें जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी हैं. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारियों ने चैनलों से बात की. जिस पर अब कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है.
गवाहों को धमका रहे अर्नब गोस्वामी- पुलिस
सुप्रीम कोर्ट में पुलिस की तरफ से कहा गया कि आरोपी चैनल ये तय नहीं कर सकता है कि उसकी जांच कौन करे. मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी की सीबीआई जांच की मांग का विरोध करते हुए कहा कि,
चैनल यह तय नहीं कर सकता कि किस एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए. साथ ही मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया है कि अर्नब गोस्वामी गवाहों को धमका रहे हैं और डरा रहे हैं. पुलिस ने कुछ दिनों की जांच के बाद रिपब्लिक टीवी, इंडिया टुडे टीवी, फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा को आरोपी बताया है.
बता दें कि इस पूरे रैकेट को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर ने बताया था कि एक खास चैनल को देखने के लिए कई लोगों को पैसे दिए जा रहे थे. इस काम में सीधे चैनल के मालिक या बड़े अधिकारी शामिल थे. मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. वहीं चैनलों के बैंक खातों की भी जांच हो रही है. अगर कुछ गड़बड़ी पाई गई तो बैंक खाते सीज कर दिए जाएंगे.
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