ट्रंप प्रशासन को अमेरिका में लोगों को आने देने से एतराज नहीं है, पर उनके पास चार चीजें जरूर होनी चाहिए. फर्राटा अंग्रेजी, काबिलियत,अमेरिका के लिए प्यार और नौकरी.
अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप अक्सर कहते रहे हैं कि सिर्फ अमेरिकी नागरिकों को ही नौकरी में तरजीह मिलनी चाहिए. लेकिन ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक अमेरिका को उन लोगों से कोई ऐतराज नहीं है जिनके पास नौकरी हो और जो कुशल, काबिल और अंग्रेजी बोलने महारत रखते हों.
जाहिर है इससे भारतीयों को बहुत फायदा होगा. अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रंप लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि योग्यता आधारित वीजा दिए जाने चाहिए. ट्रंप प्रशासन की दलील है कि इससे दुनियाभर के काबिल लोग ही अमेरिका में आएंगे, जबकि कम काबिल लोगों का आना मुश्किल हो जाएगा.
प्रेसिडेंट ट्रंप मौजूदा लॉटरी सिस्टम को जारी रखने के पक्ष में नहीं हैं. ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक
‘‘हम चाहते हैं कि दुनिया के किसी भी हिस्से से लोग आएं पर वो अमेरिका को प्यार करते हों, यहां के लोगों को पसंद करते हों. इसके अलावा काबिल और फर्राटा अंग्रेजी बोलने वाले हों. और हमारे मूल्यों और सिद्धांतों की कद्र करते हों. ‘’
भारत को फायदा
इस अफसर के मुताबिक ऐसे लोग दुनिया के किसी भी देश के हो सकते हैं. लेकिन जानकारों के मुताबिक अगर ये नीति लागू हुई तो भारत को बहुत फायदा होगा क्योंकि भारत के लोग ज्यादातर शर्तों को पूरा करते हैं.
अमेरिकी प्रशासन के मुताबिक ऐसे किसी भी विदेशी नागरिक को नहीं लिया जाएगा जो आतंकवाद से किसी भी तरह जुड़ा हुआ है या कोई साजिश रचने में दूर दूर से जुड़ा हो. अधिकारी के मुताबिक अमेरिका का लक्ष्य है आतंकवाद को समूल नष्ट करना.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स के मुताबिक प्रेसिडेंट चाहते हैं देश, धर्म या नस्ल पर ध्यान दिए बगैर सिर्फ और सिर्फ काबिलियत ही पैमाना हो.
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