खादी ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के सालाना कैलेंडर और टेबल डायरी में महात्मा गांधी की जगह पीएम नरेंद्र मोदी की चरखा चलाते तस्वीर लगने पर बापू के परपोते तुषार गांधी ने नाराजगी जाहिर की है.
तुषार गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वक्त आ गया है कि अब बापू खादी ग्रामोद्योग को राम-राम कह दें. उन्होंने कहा कि वैसे भी खादी ग्रामोद्योग ने खादी और बापू, दोनों की विरासत को कमजोर ही किया है. लिहाजा मोदी को अब इस आयोग को निरस्त कर देना चाहिए.
तुषार गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी को 10 लाख के सूट पसंद हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग बापू के कातिल के हिमायती हैं, उनके बारे में वो कुछ नहीं कहना चाहते. उनकी राय में स्वाधीनता संग्राम में कोई योगदान न करने वाले लोग खादी की अहमियत नहीं समझ सकते.
कैलेंडर में गांधी की जगह मोदी
खादी ग्रामोद्योग आयोग के इस साल के डायरी और कैलेंडर में गांधीजी की चरखा चलाते हुए तस्वीर की जगह पीएम मोदी की चरखा चलाते हुए तस्वीर प्रकाशित की गई है. इसमें पीएम अपने ट्रेडमार्क कुर्ते-पजामे और जैकेट में नजर आ रहे हैं. इसके अलावा जिस चरखे पर पीएम मोदी सूत कात रहे हैं, वह भी गांधीजी के चरखे के मुकाबले थोड़ा आधुनिक है.
आयोग ने दी सफाई
खादी ग्रामोद्योग के कई कर्मचारियों ने इसे राष्ट्रपिता का अपमान बताया है. हालांकि आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का कहना है कि मोदी की इस तस्वीर में कुछ भी गलत नहीं है और गांधीजी की इस मशहूर तस्वीर में पहली बार बदलाव नहीं हुआ है.
पूरा खादी उद्योग गांधीजी के आदर्शों पर आधारित है, इसलिए उन्हें नजरअंदाज करने का सवाल नहीं उठता. मोदी भी लंबे वक्त से खादी पहनते आ रहे हैं और इसे देश-विदेश में लोकप्रिय बनाने में उनका भी योगदान है. उन्होंने खादी को अपना अलग अंदाज दिया है.विनय कुमार सक्सेना, चेयरमैन, खादी ग्रामोद्योग आयोग
सक्सेना के मुताबिक, ‘'मोदी खादी के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसेडर हैं. KVIC का मकसद गांवों को आत्मनिर्भर बनाना है और मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ का ख्वाब इस अवधारणा से मेल खाता है. हम खादी के उत्पादन और मार्केटिंग में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहते हैं. मोदी युवाओं के लिए भी आदर्श हैं.’'
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