हिंदूवादी संगठन ‘पतितपावन’ की आपत्ति के बाद पुणे के मॉडल कॉलेज में महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी का भाषण रद्द कर दिया . तुषार गांधी ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. दरअसल, महात्मा गांधी के 150 साल पूरे होने के मौके पर तुषार गांधी को वक्ता के तौर पर कॉलेज ने आमंत्रित किया था.
तुषार गांधी ने ट्वीट में कहा,
‘मॉडर्न कॉलेज पुणे को बापू की 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कल निर्धारित एक कार्यक्रम को रद्द करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उन्होंने मुझे आमंत्रित किया था. पतितपावन संस्था ने मेरी उपस्थित होने पर कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी दी थी. गोली मारो गैंग एक्शन में आ गई है.’
तुषार गांधी के ट्वीट के बाद इस घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री जितेंद्र आवाड ने कहा कि, ‘ पतितपवन संस्था में नात्थूराम गोडसे के विचार पनप रहे है. हमने ऐसे लोगों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है. जिसके बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी इस मामले में दोषी पर करवाई का भरोसा दिलाया है.’
उन्होंने एक ट्वीट में कहा,
‘मैंने अभी माननीय गृहमंत्री अनिल देशमुख से बात की और इस पर अपनी चिंता जताई उन्होंने कार्रवाई का वादा किया है. वो तुषार गांधी से इस बारे में बात करेंगे.’
कार्यक्रम का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं होना चाहिए: छात्र संगठन
विवाद बढ़ने के बाद प्रोगेसिव एजुकेशन सोसाइटी के प्रेसिडेंट गजानन एकबोटे ने क्विंट को बताया,
‘ये प्रोग्राम पुणे यूनिवर्सिटी और कॉलेज द्वारा मिलकर आयोजित किया गया था. लेकिन कुछ छात्र संगठनों ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर तुषार गांधी के प्रोग्राम में उपस्थिति का विरोध दर्ज कराया था. छात्र संगठनों का कहना था कि, तुषार गांधी के विचार पीएम मोदी और ABPV के विरोधी है. छात्रों का कहना था कि, ये कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के पैसों से आयोजित हो रहा है और ऐसे में इसका उपयोग राजनीति के लिए नहीं होना चाहिए. जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने तुषार गांधी के प्रस्तावित भाषण को रद्द करने का फैसला किया.’
लेकिन उधर बीजेपी प्रवक्ता माधव भंडारी का कहना है कि पूरा मामला ही शक पैदा करता है. किसने धमकी दी, किसने प्रोग्राम आयोजित कराया, क्यों प्रोग्राम को रद्द किया ये समझ के परे है. सरकार महाविकास अघाड़ी का है,और लॉ एंड ऑर्डर उनके पास है. प्रोग्राम में कोई विवाद न आए ये जिम्मेदारी सरकार की है.
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