पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर की बड़ी घटनाओं का ट्रेंड दिखाने वाला ट्विटर खुद ही ट्रेंड कर रहा था. दलित कार्यकर्ताओं ने ट्विटर पर #cancelallBlueTicksinIndia नाम से एक कैंपेन चलाया. जो कई घंटों तक दुनिया और भारत के टॉप ट्रेंड्स में से एक रहा. दलित कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ट्विटर इंडिया पक्षपात कर रहा है और असल मुद्दों पर काम करने वाले लोगों को ब्लू टिक नहीं दे रहा. अब इस पर ट्विटर की तरफ से जवाब आया है.
ट्विटर इंडिया की तरफ से किए गए एक ट्वीट में सफाई दी गई है. इस ट्वीट में लिखा गया है,
“इस हफ्ते ट्विटर इंडिया को लेकर काफी चर्चा हुई, जिसमें कहा जा रहा था कि ट्विटर भारत में पक्षपात कर रहा है. लेकिन साफ कर दें कि चाहे वो पॉलिसीज का डेवलेपमेंट हो, प्रोडक्ट फीचर्स हों या फिर अपने नियमों में बदलाव हों हम निष्पक्ष रहते हैं और किसी भी एक विचारधारा या फिर राजनीतिक नजरिए से फैसला नहीं लेते.”
ट्विटर इंडिया को घेरते हुए हजारों लोगों ने एक साथ कई ट्वीट किए. जिसके बाद इंडिया ट्रेंड्स में तो #cancelallBlueTicksinIndia कई देर तक नंबर 1 पर बना रहा. बहुजन चिंतक और प्रोफेसर दिलीप मंडल की अगुवाई में ट्विटर इंडिया के खिलाफ ये अभियान चलाया गया.
बता दें कि प्रोफेसर दिलीप मंडल पर ट्विटर ने प्रतिबंध लगा दिया था. दिलीप मंडल को ट्विटर पर कुछ भी लिखने या पोस्ट करने से प्रतिबंधित किया गया. दिलीप मंडल ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी और उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी लगाया जिसकी वजह से ट्विटर ने प्रतिबंध लगाया था. इसके बाद उनके सहित कई दलित कार्यकर्ताओं ने ट्विटर के खिलाफ कैंपेन चलाया.
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