गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग मुस्लिम शख्स के साथ कथित मारपीट के मामले में ट्विटर इंडिया ने 50 ट्वीट्स पर रोक लगा दी है. ट्विटर अधिकारियों के मुताबिक, अब्दुल समद सैफी पर कथित हमले और उनकी दाढ़ी काटने वाले वीडियो से संबंधित ट्वीट्स पर पहुंच से रोक दी गई है.
ट्विटर की ये कार्रवाई यूपी पुलिस द्वारा कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ चल रही जांच के मद्देनजर की गई है.
ट्विटर ने एक बयान में कहा, “जैसा कि हमारी कंट्री विदहेल्ड पॉलिसी में बताया गया है, वैध कानूनी मांग के जवाब में या स्थानीय कानून के उल्लंघन के मामले में, कंटेंट तक पहुंच को रोकना जरूरी हो सकता है. विदहोल्डिंग उस विशेष क्षेत्र/देश तक सीमित है, जहां कंटेंट को अवैध माना गया है. हम अकाउंट्स को सीधे सूचित करते हैं ताकि उन्हें पता चले कि हमें अकाउंट से संबंधित कानूनी आदेश प्राप्त हुआ है.”
गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट के सिलसिले में ट्वीट करने पर ट्विटर, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया के साथ-साथ मोहम्मद जुबैर और राणा अयूब सहित पत्रकारों पर मामला दर्ज किया है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की थी मांग
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक इंटरव्यू में ट्विटर पर सवाल उठाते हुए कहा था कि गाजियाबाद घटना में ट्विटर ने मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग क्यों नहीं लगाया. रविशंकर प्रसाद ने कहा था,
“अगर मैनिपुलेटेड या अनमैनिपुलेटेड ट्वीट घोषित करने के लिए नियम है तो ये गाजियाबाद मामले में लागू क्यों नहीं हुआ. ये ट्विटर और भारत सरकार या बीजेपी के बीच का कोई मुद्दा नहीं है. ये ट्विटर और उसके यूजर्स के बीच एक मुद्दा है जिसे दुरुपयोग के मामले में फोरम मिलना ही चाहिए.”
पिछले महीने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा समेत कई बीजेपी नेताओं ने एक लेटर शेयर किया था. पार्टी ने इसे पीएम मोदी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला कांग्रेस का 'टूलकिट' बताया था. ट्विटर ने इस ट्वीट पर ‘Manipulated Media’ का लेबल लगा दिया. इस मामले में बीजेपी की खूब किरकिरी हुई थी और केंद्र सरकार-ट्विटर के बीच की तल्खी चरम पर पहुंच गई थी.
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