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भारत में अभिव्यक्ति की आजादी के लिए संभावित खतरे से चिंतित: ट्विटर

ट्विटर ने गुरुवार को नए डिजिटल नियमों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है

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एक "टूलकिट" को लेकर सरकार के साथ टकराव के बीच ट्विटर ने गुरुवार को नए डिजिटल नियमों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और "अभिव्यक्ति की आजादी के लिए संभावित खतरे" पर चिंता जताई है. सोशल मीडिया की इस दिग्गज कंपनी ने यह भी कहा है कि वो "लागू कानून का पालन करने की कोशिश करेगी", हालांकि, ऐसा पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ ही होगा.

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एक ट्विटर प्रवक्ता ने कहा है, ''ट्विटर भारत के लोगों के लिए काफी प्रतिबद्ध है. हमारी सेवा सार्वजनिक बातचीत और महामारी के दौरान लोगों के समर्थन के स्रोत के लिए अहम साबित हुई है. अपनी सेवा उपलब्ध रखने के लिए, हम भारत में लागू कानून का पालन करने की कोशिश करेंगे. लेकिन, जैसा कि हम दुनियाभर में करते हैं, हम पारदर्शिता के सिद्धांतों, सेवा पर हर आवाज को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता और कानून के शासन के तहत अभिव्यक्ति की आजादी और गोपनीयता की रक्षा के लिए कड़ाई से निर्देशित होते रहेंगे.''

ट्विटर ने कहा है,

  • ''अभी, हम भारत में अपने कर्मचारियों के संबंध में हाल की घटनाओं और जिन लोगों को हम सेवा मुहैया कराते हैं, उनके लिए अभिव्यक्ति की आजादी को संभावित खतरे से चिंतित हैं.''
  • ''हम, भारत और दुनियाभर में सिविल सोसाइटी के बहुत से लोगों के साथ, हमारी वैश्विक सेवा शर्तों को लागू करने के जवाब में पुलिस द्वारा धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल के संबंध में चिंतित हैं.''

ट्विटर ने नए आईटी नियमों को लेकर कहा है, ''हम इन रेग्युलेशन्स के उन तत्वों में बदलाव की वकालत करने की योजना बना रहे हैं जो मुक्त, खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं. हम भारत सरकार के साथ अपनी रचनात्मक बातचीत जारी रखेंगे और मानते हैं कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना अहम है.''

बता दें कि सरकार ने 25 फरवरी को सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए नियमों का ऐलान किया था. इसके तहत कंपनियों को किसी भी सामग्री पर प्राधिकरण की ओर से चिंता जताए जाने पर उसे 36 घंटे में हटाना होगा. साथ ही एक मजबूत शिकायत निपटान प्रणाली स्थापित करनी होगी. शिकायत निपटान अधिकारी देश में ही बैठेगा. प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नए नियमों को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने हाल ही में ट्विटर से बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा सहित भारतीय नेताओं के कुछ ट्वीट्स से 'मैनिपुलेटेड मीडिया' टैग को हटाने के लिए कहा था. हालांकि, यह खबर लिखे जाने तक ट्विटर ने पात्रा के ट्वीट से टैग नहीं हटाया है.

ट्विटर ने पात्रा के उस ट्वीट पर 'मैनिपुलेटेड मीडिया' टैग लगाया है, जिसमें एक दस्तावेज पोस्ट करते हुए कहा गया है, ‘‘मित्रों, महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने से संबंधित कांग्रेस के इस टूलकिट पर नजर डालिए. यह एक ठोस प्रयास की बजाय कुछ ‘मित्र पत्रकारों’ और ‘असर डालने वालों’ की मदद से प्रचार की कवायद भर है. आप कांग्रेस के एजेंडा के बारे में खुद पढ़िए.’’

ट्विटर के मुताबिक, वो उन ट्वीट पर 'मैनिपुलेटेड मीडिया' टैग लगाता है, जिनसे वो कंटेंट जुड़ा होता है, जिसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया हो.

(NDTV और PTI के इनपुट्स समेत)

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