दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसरों को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने भीमा-कोरेगांव हिंसा जांच के संबंध में समन किया. ये समन एक और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हनी बाबू की इसी मामले में गिरफ्तारी के बाद जारी हुए हैं.
हिंदू कॉलेज में अंग्रेजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रेम कुमार विजयन और श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के इकनॉमिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर राकेश रंजन को NIA के दिल्ली ऑफिस में 14 अगस्त को समन किया गया था.
समन इंडियन पीनल कोड (IPC) के कई सेक्शन और UAPA के तहत जारी हुए थे.
क्विंट से बात करते हुए विजयन की पार्टनर और सेंट स्टीफंस कॉलेज में अंग्रेजी डिपार्टमेंट की हेड केरेन गेब्रियल ने कहा, "विजयन को 13 अगस्त की शाम 6 बजे के करीब समन नोटिस मिला था. उन्हें 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया."
हनी बाबू और प्रेम कुमार विजयन दोनों ही जीएन साईबाबा को रिहा कराने के लिए बनी डिफेंस कमेटी का हिस्सा हैं. साईबाबा एक अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं और वो 90 फीसदी डिसएबल हैं. उन पर UAPA लगाया गया है और वो इस समय नागपुर सेंट्रल जेल में कैद हैं.
बाबू भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए 12वें शख्स हैं. सुधा भारद्वाज, शोमा सेन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, अरुण फेर्रेरा, सुधीर धावले, रोना विल्सन, वर्नन गोंजाल्व्स, वरवर राव, आनंद तेलतुंबडे और गौतम नवलखा जैसे सिविल राइट्स एक्टिविस्ट इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं और इस समय जेल में हैं.
दो प्रोफेसरों को समन जारी होने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अकादमिक लोगों और एक्टिविस्टों को 'टार्गेट' किए जाने की निंदा की.
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