जम्मू-कश्मीर की पुलिस और यूथ- ये दो ग्रुप ऐसे थे, जिनका जिक्र बार-बार पीएम मोदी के भाषण में हुआ. साफ है कि अपने भाषण में पीएम मोदी ने इन्हें मनाने पर जोर दिया. पत्थरबाजी को लेकर अक्सर जिस यूथ पर आरोप लगते रहे और पुलिस के साथ के बिना जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करना मुश्किल है, लिहाजा, पीएम मोदी ने न सिर्फ इनकी जमकर तारीफ की बल्कि इनके लिए कई ऐलान भी किए.
पुलिस की तरफ बढ़ाया हाथ
जहां तक फोर्स की बात है तो अब तक राज्य की पुलिस जम्मू-कश्मीर की सरकार के पास थी और केंद्रीय बल केंद्र के पास. लेकिन अब जम्मू-कश्मीर की पुलिस को भी केंद्र के अधीन काम करना है. लिहाजा, इस फोर्स का पीएम मोदी ने खासा जिक्र किया. पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि बल के अनेक जवान और अफसर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हैं. हमें उनपर गर्व है.
केंद्र की प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों, जिसमें पुलिस भी शामिल है, उन्हें दूसरे केंद्र शासित प्रदेश जैसी सुविधाएं मिलें. जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मचारियों को आवास भत्ता, हेल्थ स्किम, बच्चों की शिक्षा के लिए भत्ता जो नहीं मिलता था, वो हम जल्द देंगे.नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
राज्य में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था में लगे केंद्रीय बलों की तारीफ के साथ ही पीएम ने राज्य की पुलिस की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि इनके कारण ही भरोसा पैदा हुआ है कि बदलाव हो सकता है, विकास हो सकता है.
जम्मू-कश्मीर के अनेक बेटों-बेटियों ने बलिदान दिया. मौलवी गुलामदीन ने 65 की लड़ाई में पाकिस्तानी घुसपैठियों के बारे में भारतीय सेना को बताया था. उन्हें अशोक चक्र मिला. कारगिल वॉर में कर्नल सोनम वांगचुक ने बलिदान दिया, उन्हें महावीर चक्र मिला. राजौरी की रुक्साना कौसर ने बड़े आतंकी को मार गिराया था, उन्हें कीर्ति चक्र मिला था. पुंछ के शहीद औरंगजेब जिनकी आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी, उनके दोनों भाई सेना में हैं.
युवाओं के लिए कई ऐलान
पीएम ने अपने संबोधन में यूथ का भी बार-बार जिक्र किया. उन्होंने कहा - जम्मू-कश्मीर के नौजवान अंग्रेजी जानते हैं, केंद्र के शासन में डिजिटल इंडिया से जुड़कर उन्हें रोजगार मिलेगा. स्पोर्ट्स की दुनिया में आगे बढ़ने का सपना देखने वाले यूथ को मदद मिलेगी.
नए स्टेडियम और स्पोर्ट्स एकेडमी खुलने पर आधुनिक ट्रेनिंग से यहां के यूथ दुनिया को अपना टैलेंट दिखा पाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने शांत, सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर के सपने के लिए बलिदान दिया, उनके सपनों को सबको मिलकर पूरा करना है. कुल मिलाकर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में लगी आग पर पानी डालने की कोशिश की. आने वाला वक्त ही बताएगा कि वो अपने मकसद में कितना कामयाब रहे.
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