जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले में बुधवार को आतंकियों और सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में लश्कर का एरिया कमांडर नवीद जट्ट मारा गया. वह पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में शामिल था. खूंखार नवीद पर 25 लाख रुपये का ईनाम था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद आज सुबह सुरक्षा बलों बड़गाम के कठपोरा इलाके में तलाशी और घेराबंदी अभियान चलाया गया था. इसमें नवीद का सफाया किया गया.
मारा गया शुजात बुखारी का हत्यारा
जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में शामिल लश्कर के आतंकी नवीद जट्ट के मारे जाने की सूचना मिली है. हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकी नवीद जट्ट फरवरी में श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल से फरार हो गया था. जट्ट एक लश्कर आतंकी है.
'राइजिंग कश्मीर' के एडिटर इन चीफ शुजात बुखारी की 14 जून को श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव इलाके में बाइक सवार तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हमले में बुखारी के दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर भी मारे गए थे.
पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में शामिल लश्कर आतंकी नवीद जट्ट मारा गया है. राइजिंग कश्मीर के पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में आतंकी नवीद जट्ट और उसके दो साथी शामिल थे.
जानकारी के अनुसार राइजिंग कश्मीर के पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में शामिल लश्कर के आतंकी नवीद जट्ट को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के बाद मार गिराया है. नवीद जट्ट पिछले काफी समय से फरार बताया जा रहा था.
पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में तीन लोगों के शामिल होने की बात कही गई थी. इन हत्यारों में दो लोग साउथ कश्मीर के रहने वाले थे, वहीं तीसरा पाकिस्तानी नागरिक था. हमले के तुरंत बाद पुलिस ने हमलावरों का सीसीटीवी फुटेज जारी की थी. शुरुआती जांच में ही बुखारी की हत्या में जट्ट की भूमिका की बात सामने आई थी.
इस साल मारे गए 200 से ज्यादा आतंकी
एक रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में चल रहे ऑपरेशन ऑलआउट के तहत 200 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं. कहा जा रहा है कि इस साल 2017 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए है. पिछले साल 213 आतंकवादीयों को सेना के जवानों ने ऑपरेशन ऑलआउट में मार गिराया था.
इस ऑपरेशन में सेना के भी कई जवान शहीद हुए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक सेना के 56 जवान शहीद हो चुके हैं. खूफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई घाटी में युवकों को बहका कर आतंकी संगठनों से जोड़ रहा है. पिछले साल ही करीब 100 से ज्यादा युवक आतंकी संगठनों से जुड़े थे.
(इनपुट-एएनआई)
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