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कैब में CAA पर बात कर रहा था शख्स, पुलिस थाने ले गया उबर ड्राइवर

प्रदर्शन पर बात करने के कारण पोएट को जाना पड़ा थाने

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मुंबई में एक शख्स को महज इसलिए पुलिस स्टेशन जाना पड़ा क्योंकि वो उबर कैब में नागरिकता कानून को लेकर बात कर रहा था. दरअसल, बप्पादित्य सरकार मुंबई में नागरिकता कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन से लौट रहे थे, जब उनके कैब ड्राइवर ने प्रदर्शन को लेकर फोन पर उनकी बातें सुनी और पुलिस को बुला लिया. इसके बाद बप्पादित्य सरकार को पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां पुलिस ने उनका फोन चेक किया और पिता की सैलरी तक को लेकर सवाल किए.

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एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने बप्पादित्य सरकार के साथ हुई इस घटना के बारे में ट्विटर पर जानकारी दी थी. उन्होंने सरकार के साथ हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर पोस्ट किए थे, जिसमें सरकार ने लिखा है, 'जैसे ही मैं कैब में बैठा, मैंने अपने एक दोस्त को फोन किया और हम अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन पर बात कर रहे थे, और शाहीन बाग में जो कल हुआ. हम कैसे जयपुर के प्रदर्शन को और असरदार बना सकते हैं. बात के 10-30 मिनट बाद, मेरा उबर ड्राइवर रुका और उसने पूछा कि क्या वो एटीएम जा सकता है, मैंने कहा हां. कुछ मिनटों बाद, वो दो पुलिसवालों के साथ आया.'

जब सरकार ने कैब ड्राइवर से पूछा कि वो उन्हें पुलिस क्यों लेकर आया है, ड्राइवर ने जवाब में कहा,

‘तुम देश बर्बाद करोगे और हम देखते रहेंगे? मैं कहीं और ले जा सकता था तुझे, शुक्र मना पुलिस लाया हूं.’

“पुलिस ने पिता की सैलरी को लेकर भी किया सवाल”

बप्पादित्य सरकार कवि हैं. द क्विंट से बात करते हुए सरकार ने बताया कि मुंबई पुलिस ने उनसे कम्युनिज्म से लेकर उनकी पोएट्री और पिता की सैलरी तक पर सवाल पूछे. सरकार ने बताया कि पुलिस ने उन्हें डफली साथ न रखने या लाल स्कार्फ नहीं पहनने की सलाह दी. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका फोन भी चेक किया. शिकायत करने वाले ड्राइवर का बयान भी दर्ज किया गया.

‘पुलिस ने मुझसे पूछा कि मैं कम्युनिस्ट क्यों हूं, उन्होंने पूछा कि कम्युनिज्म किन देशों में प्रैक्टिस किया जाता है, मैंने किन कवियों का काम पढ़ा है, वो मेरी कविताएं पढ़ना चाहते थे. फिर वो मेरा WhatsApp और कॉन्टैक्ट देखने लगे. मैंने विरोध किया तो उन्होंने कहा कि वो जांच के तौर पर ऐसा कर रहे हैं.’
बप्पादित्य सरकार

सरकार ने आगे बताया, 'जो पुलिसवाले वहां मौजूद थे, वो कह रहे थे, "क्या आपको लगता है कि शाहीन बाद में जो प्रदर्शन कर रहे हैं वो बिना पैसों के ऐसा कर रहे हैं? क्या लोग इतने समय के लिए बिना पैसों के बैठ सकते हैं? कौन उन्हें फाइनेंस कर रहा है?" पुलिसवालों ने ऐसा कहा. वो बार-बार मुझसे मेरे पिता की सैलरी पूछ रहे थे. ऐसा लग रहा था कि उन्हें यकीन है कि कोई मुझे फंड कर रहा है. मुझे रात 1:30 बजे स्टेशन से जाने दिया गया.'

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उबर का जवाब

ट्विटर पर कविता कृष्णन के पोस्ट पर जवाब देते हुए उबर इंडिया सपोर्ट ने लिखा, 'ये चिंता का विषय है. हम प्राथमिकता पर इस मामले को देखेंगे. हमें डायरेक्ट मैसेज के जरिए वो रजिस्टर्ड डिटेल्स भेज दीजिए, जिससे ट्रिप हुई थी. हमारी सेफ्टी टीम का एक सदस्य जल्द से जल्द आपसे बात करेगा.'

सरकार ने बताया कि उन्हें उबर की तरफ से कॉल आया था. उन्होंने कहा, 'उबर ने मुझे खुद फोन किया. मुझे लगता है कि उन्होंने (ट्विटर) थ्रेड देख ली थी. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हुआ और कहा कि वो इस मामले की जांच करेंगे और जरूरी कार्रवाई करेंगी. उन्होंने कहा कि वो इसकी निंदा करते हैं.'

(नोट: द क्विंट ने इस मामले पर मुंबई पुलिस से प्रतिक्रिया मांगी है. जवाब आने पर इस खबर को अपडेट किया जाएगा.)

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