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विदेशी विश्वविद्यालयों, EdTech प्लेटफार्मों के कोर्स को लेकर UGC ने जारी की चेतावनी

UGC ने एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों को ऑनलाइन मोड में डिग्री और डिप्लोमा कोर्स पेश करने के खिलाफ भी चेतावनी दी है.

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारतीय छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालयों के कोर्सेज के लिए दाखिला लेने के संबंध में चेतावनी दी है. UGC ने छात्रों से कहा है कि उन कोर्सेज में दाखिला ना लें, जो ऐसे एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्मों के जरिए ऑफर किए जा रहे हों और ऐसे विदेशी विश्वविद्यालयों के द्वारा ऑफर किए गए हैं, जिनको आयोग से मान्यता नहीं प्राप्त है.

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UGC अधिनियम, 1956 (संशोधित) के तहत दी गई अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए UGC ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (ट्विनिंग कार्यक्रम, संयुक्त डिग्री, दोहरी डिग्री कार्यक्रम की पेशकश के लिए भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग) विनियम, 2022 और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत में विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) विनियम 2023 को अधिसूचित किया है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि

UGC विनियमों में कहा गया है कि कोई भी विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थान यूजीसी की पूर्व मंजूरी के बिना भारत में कोई भी प्रोग्राम पेश नहीं करेगा. उच्च शिक्षा संस्थान किसी फ्रेंचाइजी व्यवस्था के तहत प्रोग्राम नहीं पेश करेगा और ऐसे प्रोग्रामों को यूजीसी द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी.
UGC ने ऑफिसियल नोटिस में कहा कि विनियमों में कहा गया है कि कोई भी विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थान आयोग की पूर्व मंजूरी के बिना भारत में कोई भी कार्यक्रम पेश नहीं करेगा.

इसके अलावा यूजीसी ने एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों को ऑनलाइन मोड में डिग्री और डिप्लोमा प्रोग्राम पेश करने के खिलाफ भी चेतावनी दी.

आयोग ने कहा कि UGC को पता चला है कि कुछ एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनियां कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों के सहयोग से ऑनलाइन मोड में डिग्री और डिप्लोमा प्रोग्रामों की पेशकश करने वाले समाचार पत्रों/सोशल मीडिया/टेलीविजन आदि में विज्ञापन दे रही हैं. नोटिस में कहा गया है कि ऐसी फ्रेंचाइजी व्यवस्था की अनुमति नहीं है और ऐसे किसी भी प्रोग्राम/डिग्री को UGC की तरफ से मान्यता नहीं मिलेगी.

UGC ने यह भी कहा कि सभी दोषी एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ-साथ उच्च शिक्षा संस्थानों के खिलाफ भी लागू कानूनों/नियमों/विनियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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