बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा है कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के चलते हुई त्रासदी चिंता का विषय होने के साथ-साथ चेतावनी भी है. उन्होंने यह भी बताया है कि मंत्री रहते हुए वह गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर बांध बनाकर पावर प्रोजेक्ट लगाने के पक्ष में नहीं थीं.
बता दें कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली पहली सरकार में भारती जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री थीं.
भारती ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ''जोशीमठ से 24 किलोमीटर पैंग गांव जिला चमोली उत्तराखंड के ऊपर का ग्लेशियर फिसलने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट जोर से टूटा और एक तबाही लेकर आगे बढ़ रहा है. मै गंगा मैया से प्रार्थना करती हूं कि मां सबकी रक्षा करें .''
इसके आगे उन्होंने लिखा,
- ''यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता और चेतावनी दोनों का विषय है.''
- ''इस संबंध में मैंने जब मैं मंत्री थी तब अपने मंत्रालय की तरफ से हिमालय उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो एफिडेविट दिया था उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है इसलिए गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नहीं बनने चाहिए.''
- ''इससे उत्तराखंड की जो 12 फीसदी की क्षति होती है वह नेशनल ग्रिड से पूरी कर देनी चाहिए.''
बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में नंदा देवी ग्लेशियर टूटने से रविवार को धौली गंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई.
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