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दिल्ली दंगे मामले में उमर खालिद और खालिद सैफी बरी, परिवार ने जताई खुशी

उमर खालिद के पिता एसक्यूआर इलियास ने क्विंट से कहा कि, "हमें इस आदेश को सुनकर खुशी हुई, हम बहुत खुश हैं.

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भारत
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दिल्ली कोर्ट ने छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद (Umar Khalid) और UAH सदस्य खालिद सैफी (Khalid Saifi) को दिल्ली दंगा मामले (FIR 101/2020) में बरी कर दिया है. एफआईआर में खालिद और सैफी दोनों जमानत पर हैं. हालांकि, वे यूएपीए मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.

यह आदेश एएसजे पुलस्त्य प्रमाचला ने सुनाया आदेश की डिटेल्ड कॉपी जल्द ही जारी की जाएगी.

कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए खालिद सैफी की पत्नी, नरगिस सैफी ने क्विंट से कहा, "ढाई साल बाद, ये हमारी बहुत बड़ी जीत है. आखिरकार, अच्छी खबर मिली है. हमने संविधान में विश्वास रखा और आज, हम बहुत खुश हैं. पुलिस के निराधार आरोप कोर्ट में झूठे साबित हुए."

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उमर खालिद के पिता एसक्यूआर इलियास ने क्विंट से कहा कि, "हमें इस आदेश को सुनकर खुशी हुई, हम बहुत खुश हैं. चार्जशीट बनावटी और मनगढ़ंत थी. उमर को एफआईआर 101/2020 में बरी कर दिया गया है, लेकिन उसे अभी तक एफआईआर 59/2020 में जमानत नहीं मिली है. दोनों एफआईआर में बहुत समान आरोप हैं, लेकिन केवल इसलिए कि एफआईआर 59 में यूएपीए जुड़ा हुआ है, उमर को वहां जमानत नहीं दी गई है. लेकिन अब, हमें उम्मीद है कि उसे एफआईआर 59 में भी जमानत मिल जाएगी."

अदालत ने मामले में उमर खालिद को जमानत देते हुए कहा कि इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती कि उमर खालिद के खिलाफ अधूरी सामग्री के आधार पर उन्हें सलाखों के पीछे रखा जाए. गौरतलब है कि जांच में मामला पूरा हो चुका था और चार्जशीट भी दायर की जा चुकी थी, अदालत ने कहा कि यह नहीं हो सकता कि केवल इस तथ्य के कारण उन्हें अनंत काल के लिए जेल में बंद कर दिया गया कि अन्य व्यक्ति जो मामले में दंगाई भीड़ के हिस्से में शामिल थे उनकी पहचान और गिरफ्तारी की जानी है."

उमर खालिद और खालिद सैफी को एंटी-सीएए प्रदर्शनों के दौरान हुए दिल्ली दंगों में उनकी भूमिका होने के लिए आरोपी बनाया गया था. दोनों ही UAPA समेत अन्य मामलों में 2 साल से जेल में हैं.

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