संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों ने पुलवामा आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान में बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. भारत के प्रस्ताव पर UNSC के P5 देशों (स्थायी सदस्यों) और 10 अस्थायी सदस्यों ने इस हमले की निंदा की. स्थायी सदस्यों में चीन भी शामिल है.
सुरक्षा परिषद ने इस घटना के अपराधियों, साजिशकर्ताओं और उन्हें धन मुहैया कराने वालों को की कड़ी निंदा की साथ ही इस पूरे हादसे को न्याय के दायरे में लाने की जरूरत पर जोर दिया. सिर्फ इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र की 15 शक्तिशाली देशों की इस इकाई ने अपने बयान में पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद का नाम भी लिया.
सुरक्षा परिषद के देशों ने अपील की है कि अंतरराष्ट्रीय नियम-कानून और सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों के तहत हर देश को एक दूसरे की मदद करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. सुरक्षा परिषद के देशों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद किसी रूप में हो, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता क्योंकि यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
सुरक्षा परिषद के देशों ने इन जरूरतों पर बल दिया कि आतंकवाद के साजिशकर्ताओं, आयोजकों और फंड देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
“भारत-पाकिस्तान काफी संयम बरतें”
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद बढ़े तनाव के मद्देनजर मंगलवार को भारत और पाकिस्तान से 'अत्यधिक संयम' बरतने का आग्रह किया. महासचिव ने साथ ही दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता का भी प्रस्ताव रखा. गुटेरेस ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से कहा कि संयुक्त राष्ट्र स्थिति को लेकर बेहद चिंतित है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बुधवार को पाकिस्तानी एम्बेसडर मलीहा लोधी का स्वागत किया जिनकी सरकार ने यूएन से वर्तमान संकट पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. भारत ने पाकिस्तान पर पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के एक काफिले पर आत्मघाती बम हमला करने वाले आतंकवादी समूह को समर्थन देने का आरोप लगाया है, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बेहद बढ़ गया है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)