विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने शनिवार को पाकिस्तान स्थित सिखों के पवित्र स्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले की कड़ी निंदा की. साथ ही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से आग्रह किया कि वह इस मामले में संज्ञान ले. वीएचपी ने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा का मुद्दा भी उठाया और कहा कि जरूरत पड़ती है तो श्रीलंका के तमिलयों के लिए भी अलग से कानून लाया जाए.
हालांकि, वीएचपी ने इस बात को स्पष्ट किया कि विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) केवल तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के संदर्भ में लाया गया है.
पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारे में शुक्रवार को हुए हमले और वहां के ग्रंथी की बेटी के अपहरण के मामले पर बोलते हुए वीएचपी ने कहा, "यह पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू और सिख विरोधी अत्याचारों का जीवंत उदाहरण है."
पाकिस्तान के खिलाफ भारत में प्रदर्शन
ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले से भारत में सिक्ख समुह में काफी नाराजगी है. भारत में सिख समुदाय ने कड़ा विरोध जताया है और कई सिक्ख समूहों ने पाकिस्तान उच्चायुक्त कार्यलाय के बाहर प्रदर्शन किया है.
सोनिया गांधी ने भी की कार्रवाई की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले की निंदा की है. उन्होंने तीर्थयात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा पर निराशा और चिंता जताते हुए कहा,
भारत सरकार को सुरक्षा और भविष्य में ऐसे हमलें न हो इसके लिए पवित्र मंदिरों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान से बात करे. सरकार को पाकिस्तान पर दवाब डालना चाहिए कि वह जल्द से जल्द दोषियों की गिरफ्तारी करें.
विश्व हिंदू परिषद ने भी केंद्र की मोदी सरकार और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से आग्रह किया है कि वह इस संदर्भ में संज्ञान लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाए कि वह अपने कार्यो को सुधारे और सिख लड़की को वापस लौटाए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)