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भारत की शहरी बेरोजगारी दर में गिरावट, अप्रैल-जून तिमाही में 6.6% रहा आंकड़ा

Unemployment Rate India: जनवरी-मार्च तिमाही में शहरी बेरोजगारी दर 6.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी.

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सोमवार, 9 अक्टूबर को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत की बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) एक साल के निचले स्तर पर आ गई है. 2023-24 वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून में शहरी बेरोजगारी दर घटकर 6.6% रही. इससे पहले जनवरी-मार्च में यह 6.8 प्रतिशत थी.

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पिछले साल के मुकाबले घटी बेरोजगारी दर

शहरी बेरोजगारी दर, 15 साल से ऊपर के पुरुषों के लिए अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 5.9 प्रतिशत हो गई, जो पिछली तिमाही में 6.0 प्रतिशत और एक साल पहले 7.1 प्रतिशत थी.

महिलाओं के लिए भी बेरोजगारी दर अप्रैल-जून में घटकर 9.1 प्रतिशत हो गई, जो पिछली तिमाही में 9.2 प्रतिशत और एक साल पहले 9.5 प्रतिशत थी. हालांकि, स्व-रोजगार कैटेगरी से काम करने वाले, घरेलू इंटरप्राइज में सहायक जैसी जगहों पर पुरुषों और महिलाओं दोनों के रोजगार में बढ़ोतरी हुई है.

15 से 29 साल आयु वर्ग की शहरी महिलाओं में यूथ की बेरोजगारी दर अप्रैल-जून में 23.4 प्रतिशत हो गई, जो पिछली तिमाही में 22.9 प्रतिशत थी. वहीं अगर एक साल पहले की बात करें तो यह 23.9 प्रतिशत थी.

15 से 29 साल आयु वर्ग के शहरी पुरुषों के लिए, बेरोजगारी दर पिछली तिमाही के 15.6 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल-जून में 15.9 प्रतिशत हो गई, लेकिन अप्रैल-जून 2022 में 17.4 प्रतिशत से कम थी.

राज्यों में क्या स्थिति?

शहरी क्षेत्रों में, जिन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बेरोजगारी दर दर्ज की गई...

  • हिमाचल प्रदेश: 13.8 प्रतिशत

  • राजस्थान: 11.7 प्रतिशत

  • छत्तीसगढ़: 11.2 प्रतिशत

  • जम्मू और कश्मीर: 10.9 प्रतिशत

  • केरल:10 प्रतिशत

जिन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कम है, उन शहरों की लिस्ट में ये शहर हैं...

  • दिल्ली: 2.7 प्रतिशत

  • गुजरात: 2.8 प्रतिशत

  • पश्चिम बंगाल: 4.4 प्रतिशत

  • बिहार: 6.1 प्रतिशत

  • महाराष्ट्र और हरियाणा: 6.5 प्रतिशत

मंत्रालय ने कहा कि

श्रम बल भागीदारी दर (LFPR), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) और बेरोजगारी दर के प्रमुख श्रम बाजार संकेतकों में शहरी क्षेत्रों में अप्रैल-जून तिमाही में 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों के लिए पहले की तुलना में सुधार हुआ है.

कोरोना महामारी के दौरान पड़ा था खास असर

कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान 2020 में लगाए गए लॉकडाउन के वक्त बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ी थी. अप्रैल-जून 2020 में 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग की शहरी महिलाओं और पुरुषों के लिए बेरोजगारी दर क्रमशः 36 प्रतिशत और 34.3 प्रतिशत थी.

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बता दें कि बेरोजगारी दर को श्रम बल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है. शहरी बेरोजगारी PLFS वर्तमान साप्ताहिक स्थिति दृष्टिकोण पर आधारित है. इसके तहत एक व्यक्ति को बेरोजगार माना जाता है, अगर उसने सप्ताह के दौरान किसी भी दिन एक घंटे के लिए भी काम नहीं किया, लेकिन किसी भी दिन कम से कम एक घंटे के लिए काम मांगा था.

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