संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने दुनिया को आतंकवाद से सतर्क रहने का संदेश दिया. मोदी ने कहा, UN पीसकीपिंग मिशन्स में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो भारत है और इसलिए हमारी आवाज में आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी.
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं. शांति का संदेश दिया है.’
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UN में पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें-
- आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ है. हम मानते हैं कि आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.
- भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं, वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है
- हमारे प्रयास, 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर हो रहे हैं लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए हो रहे हैं, वो सारे विश्व के हैं, हर देश के हैं, हर समाज के हैं. प्रयास हमारे हैं, परिणाम सभी के लिए हैं, सारे संसार के लिए हैं
- जब मैं उन देशों के सुख-दुख सुनता हूं, उनके सपनों से परिचित होता हूं, तब मेरा ये संकल्प और भी पक्का हो जाता है कि मैं अपने देश का विकास और भी तेज गति से करूं जिससे भारत के अनुभव उन देशों के भी काम आ सकें.
- आज से तीन हजार साल पहले, भारत के महान कवि, कणियन पूंगुन्ड्रनार ने विश्व की प्राचीनतम भाषा तमिल में कहा था- “यादुम् ऊरे, यावरुम् केड़िर”. यानि “हम सभी स्थानों के लिए अपनेपन का भाव रखते हैं और सभी लोग हमारे अपने हैं”. देश की सीमाओं से परे, अपनत्व की यही भावना, भारत भूमि की विशेषता है.
- भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं, वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है.
- अगर इतिहास और Per Capita Emission के नजरिए से देखें, तो ग्लोबल वॉर्मिंग में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है. लेकिन इसके समाधान के लिए कदम उठाने वालों में भारत एक अग्रणी देश है.
- 2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा, तब तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करने वाले हैं.
- हमारे देश की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है. हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, जीव में शिव देखती है.
- अगले 5 सालों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं
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टॉपिक: संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद पीएम मोदी
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