केंद्र सरकार ने आठवीं क्लास तक के बच्चों को फेल न करने की नीति खत्म करने को मंजूरी दे दी है. अब राइट टू एजुकेशन विधेयक में संशोधन किया जाएगा. इस संशोधन के बाद अब राज्यों को अनुमति दी जाएगी कि 5वीं-8वीं क्लास की परीक्षा में फेल होने पर छात्रों को रोक सके. हालांकि छात्रों को परीक्षा के माध्यम से दूसरा मौका दिया जाएगा.
हालांकि बच्चों को क्लास में रोकने से पहले परीक्षा के जरिए सुधार का दूसरा मौका दिया जाएगा. विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा.
साथ ही मंत्रिमंडल ने देश में दुनिया के 20 संस्थानों के निर्माण की मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना को भी अपनी मंजूरी दे दी.
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत बच्चे परीक्षा में पास हुए बिना भी आठवीं क्लास तक पहुंच सकते हैं. यह एक अप्रैल 2011 को लागू हुए अधिनियम के जरूरी बातों में से एक है.
(इनपुट: भाषा)
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