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IAS अफसरों पर भड़के गडकरी, बोले- ताकत होती तो ये नौकरी नहीं करते

गडकरी ने कहा कि नेगेटिव एटीट्यूड ही सबसे बड़ी कमी है

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सरकार के काम करने के तरीके को बदलने पर जोर दिया है. नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है, अगर कुछ कमी है तो वो सरकार में काम करने वाली मानसिकता की है.

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नागपुर में विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, "पिछले 5 सालों में मैंने 17 लाख करोड़ का काम आवंटित किया. इस साल मैं 5 लाख करोड़ का काम देने वाला हूं. तो देखिए कि इस सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है, जिस चीज की कमी है वो है काम करने और फैसला लेने की मानसिकता और नीयत."

गडकरी ने कहा कि फैसला लेने में हिम्मत की कमी और नेगेटिव एटीट्यूड ही सबसे बड़ी कमी है.

'IAS अधिकारी के पास ताकत होती तो नौकरी नहीं करते'

नितिन गडकरी ने आईएएस अधिकारियों की सरकार में भूमिका पर बात करते हुए कहा, "मैं सरकारी अधिकारियों के एक फोरम में था जब वो कहने किसी स्कीम को शुरू करने की बात कर रहे थे. मैंने उनसे पूछा आप ऐसा क्यों करेंगे? अगर आप ऐसा कर सकते तो यहां बैठ कर आईएएस अधिकारी की नौकरी नहीं करते. इसकी जगह आप बड़े फैसले लेते. आप सिर्फ फैसिलिटेटर हैं, आप उनकी मदद कीजिए जो फैसले ले सकते हैं.

गडकरी ने कहा कि लोगों को उस फील्ड में काम करना चाहिए, जहां उनकी क्षमता हो

कार्यक्रम के बाद नितिन गडकरी ने नागपुर के छत्रपति नगर के एक मैदान में क्रिकेट में खेला. इसके अलावा खिलाड़ियों के साथ समर्थन दिखाने के लिए गडकरी ने 'खासदार क्रीड़ा महोत्सव' के तहत कई मैदानों का दौरा भी किया.

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