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9-12वीं के लिए स्कूल खुलने को तैयार, अपने हर सवाल का जवाब जानिए

केंद्र के जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SoP) क्या हैं?छात्रों और स्कूलों को किन बातों का ध्यान रखना होगा?

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Unlock-4 की गाइडलाइन पहले ही जारी किए जा चुके हैं. इस गाइडलाइन में निर्देश था कि 21 सितंबर से क्लास 9-12 के छात्रों के लिए स्कूल आंशिक रूप से खोले जा सकेंगे. हालांकि, ये वॉलंटरी आधार पर होगा और बच्चे टीचर से गाइडेंस लेने ही स्कूल जा सकेंगे.सिर्फ कंटेनमेंट जोन के बाहर वाले स्कूल ही इस सुविधा का लाभ दे पाएंगे. वहीं, जो छात्र कंटेनमेंट जोन में रहते हैं, वो स्कूल नहीं जा सकते हैं.

अलग अलग समय, नियमित सैनिटाइज़ेशन, अनिवार्य मास्क और बाकी सावधानियों के साथ छात्र लगभग 7 महीनों बाद स्कूल लौटेंगे. छात्रों को स्कूल लौटने के लिए अपने पैरेंट्स का कंसेंट फॉर्म दिखाना होगा.

तो केंद्र के जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SoP) क्या हैं? छात्रों औऱ स्कूलों को किन बातों का ध्यान रखना होगा? आइए जानते हैं-

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क्या सभी स्कूलों को 9वीं से 12वीं की क्लास शुरू करनी होगी?

नहीं, केंद्र ने सिर्फ आंशिक रूप से स्कूलों में छात्रों की वापसी की बात रखी है. वो भी स्वैच्छिक है. शिक्षकों के साथ सलाह मशविरा करके स्कूल खुद तय कर सकता है.

क्या 21 सितंबर से सभी छात्रों के लिए क्लास अटेंड करना अनिवार्य होगा?

नहीं, 9वीं से 12वीं के छात्रों को स्कूल वापस जाने की अनुमति स्कूल और उनके परिजनों के कंसेंट के साथ ही मिलेगी. छात्रों का शिक्षकों के साथ इंटरेक्शन भी अलग-अलग समयों में तय किया जाएगा. सभी स्कूल, कॉलेजों, कोचिंग सेंटरों में रेगुलर क्लास का संचालन 30 सितंबर के बाद ही शुरू होगा.

क्या छात्रों के लिए शिक्षकों से मिलने का समय पर भी पाबंदी होगी?

केंद्र ने इस मामले में कोई समय-सीमा स्पष्ट नहीं की है.

क्या राज्य सरकार स्कूलों के 21 सितंबर से खोलने के निर्णय को स्थगित कर सकती है?

हां, राज्य सरकारें बिल्कुल तय कर सकती हैं कि वो आंशिक रूप से स्कूलों को कब खोलना चाहती हैं. आंध्र प्रदेश, हरियाणा और बिहार ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं तक की क्लास आंशिक रूप से शुरू करेंगे.

क्या इसका मतलब ये है कि ऑनलाइन क्लास बंद हो जाएंगी?

नहीं. चूंकि छात्रों और शिक्षकों के बीच जो मिलना होगा, वो स्वैच्छिक है, इसलिए ऑनलाइन क्लास लगातार पहले की तरह ही चलती ही रहेंगी.

किन लोगों को स्कूल में आने जाने की अनुमति होगी?

  • केवल बिना लक्षण (Asymptomatic) वाले लोगों (शिक्षक, छात्र और अन्य कर्मचारी) को स्कूल आने की अनुमति होगी.
  • हाई रिस्क वाले कर्मचारी और गर्भवती महिलाओं को छात्रों से सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए.
  • स्कूल के स्टाफ और छात्रों के अलावा अन्य किसी को भी स्कूल नहीं आने दिया जाए.

जो स्कूल क्वॉरंटीन सेंटर बने हुए थे और कंटेंटमेंट जोन में थे, उनका क्या होगा?

  • कंटेंटमेंट जोन के स्कूलों को नहीं खोला जाएगा.
  • जो स्कूल क्वॉरंटीन सेंटर्स थे, उन्हें बहुत अच्छी तरह से साफ करके, सैनिटाइज करके ही खोला जाएगा.

स्कूल के परिसर में किन गतिविधियों की अनुमति होगी?

  • मौसम अनुकूल होने पर खुली जगहों में शिक्षक और छात्रों का इंटरेक्शन किया जा सकता है.
  • सभी एयर कंडीशंड कमरों का तापमान 24 से 30 डिग्री सेलसियस तक ही होगा.
  • असेंब्ली, स्पोर्ट्स और वो सभी कार्यक्रम जिनमें भीड़ जुटने की आशंका है, वो पूरी तरह प्रतिबंधित हैं.
  • जिम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के आधार पर खोला जा सकता है.
  • स्वीमिंग पूल बंद रहेंगे. कैफेटेरिया, मेस जैसी जगह भी स्कूल परिसर में बंद रहेंगी.
  • लैब्स में प्रैक्टिकल क्लासों के लिए तय जगह के अनुसार हर क्लास में कितने लोग होने चाहिए ये तय करके ही क्लास चलायी जा सकती है.

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स्कूल में आते और जाते वक्त किस तरह की सावधानियों का ध्यान रखना होगा?

  • एंट्रेंस में सैनिटाइजर और थर्मल टेस्टिंग अनिवार्य होगी.
  • एंट्रेंस और एग्जिट के लिए कई गेट होने चाहिए.
  • पार्किंग लॉट, कॉरिडोर्स और एलिवेटरों में सोशल डिस्टेंसिंग कायदे से फॉलो करनी होगी.

क्लास रूम में सोशल डिस्टेंसिंग कैसे कायम रहेगी?

  • छात्रों के बैठने की कुर्सियों और बेंचों में कम से कम 6 फीट का अंतर अनिवार्य होगा.
  • शिक्षकों के टेबल पर जाकर बातचीत के लिए छात्रों को अलग अलग समय दिया जाएगा.
  • शिक्षकों को सुनिश्चित करना होगा कि क्लास के सभी छात्र मास्क पहने हों.
  • छात्रों में पेंसिल, नोटबुक, बॉटल जैसी चीज़ों का लेन देन बिल्कुल प्रतिबंधित होगा.

इनके अलावा छात्रों और शिक्षकों और कौन से स्वाभाविक नियमों का पालन करना होगा?

  • जहां तक संभव हो, 6 फीट की दूरी हर जगह बनाए रखनी है.
  • मास्क अनिवार्य होंगे.
  • हाथों को बार बार 40 से 60 सेकंड तक साबुन से धोना होगा.
  • एल्कोहल युक्त सैनिटाइज़र का इस्तेमाल जब संभव हो यूज करना होगा.
  • खांसते और छींकते वक्त अपने नाक और मुंह को ढकना होगा और टिशु पेपर यूज करके तुरंत सही तरीके के फेंकना होगा.
  • अपनी सेहत में कोई भी बदलाव लगने पर तुरंत बताना.
  • थूकने पर सख्ती से पाबंदी होगी.
  • फर्श की रोजाना सफाई की जाएगी.
  • टॉयलेट और हर क़ॉमन जगह में सैनिटाइजर और साबुन का होना अनिवार्य होगा.
  • टीचिंग मटेरियल, कंप्यूटर और बाकी सभी तरह के उपकरणों को 70 फीसदी अल्कोहल वाले सैनिटाइज़र के साथ साफ करने के बाद ही इस्तेमाल किया जाएगा.
  • छात्रों और स्कूल कर्मचारियों को यूज्ड मास्क बंद डस्टबिन में फेकना होगा. छात्रों को किसी भी तरह की सफाई के काम नहीं लगाना है.

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SOP में छात्रों के मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के बारे में क्या कहा गया है?

  • शिक्षकों और मेंटल हेल्थ विशेषज्ञों को छात्रों की रेगुलर काउंसलिंग पर ध्यान देना होगा.
  • शिक्षकों और बाकी सभी कर्मचारियों को साथ मिलकर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए काम करना होगा.

अगर किसी छात्र या शिक्षक के अंदर लक्षण पाए जाते हैं तो क्या होगा?

  • लक्षण वाले व्यक्ति को किसी कमरे में अकेले रहने दिया जाए. किसी को भी उस कमरे में जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • व्यक्ति के परिजनों को तुरंत सूचना दी जाए.
  • डॉक्टर के टेस्ट करने तक मरीज को मास्क लगाकर रहना होगा
  • .तुरंत ही सबसे नजदीकी मेडिकल संस्था को सूचना देना होगा.
  • बाकी लोगों के लिए रिस्क कम करने के लिए तुरंत ही जिला RRT को सूचित करके डिस्इंफेक्ट करवाना होगा.
  • अगर मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो स्कूल और उस व्यक्ति के घर और आस पास की जगहों को भी डिसइंफेक्ट करवाना होगा

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