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उन्नाव की बेटी का अंतिम संस्कार, CM को बुलाने की जिद छोड़ी

पीड़िता की बहन ने कहा, “मुझे मुख्यमंत्री से खुद बात करनी है”

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उन्नाव की बेटी के पार्थिव शरीर को रविवार दोपहर को हजारों लोगों की मौजूदगी में हिंदूपुर गांव के बाहरी इलाके में दफना दिया गया. परिवार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के भरोसे के बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गया. अधिकारियों ने परिवार को भरोसा दिलाया है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा. पीड़िता की बहन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार को दिए गए 25 लाख रुपये के मुआवजे और एक घर के आश्वासन के अलावा परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है.

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इससे पहले उन्नाव की बेटी के परिजनों ने अंतिम संस्कार में सीएम योगी आदित्यनाथ के मौजूद रहने की जिद छोड़ दी. परिवार ने कहा था कि वो अंतिम संस्कार तब तक नहीं करेंगे, जब तक योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने नहीं आते.

मृतका की बहन ने कहा था कि जब तक सीएम आदित्‍यनाथ मौके पर नहीं आते और कड़ी कार्रवाई का आश्‍वासन नहीं देते, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.

लड़की की बहन ने कहा था, “मुझे मुख्यमंत्री से खुद बात करनी है. मेरी बहन की सरकारी नौकरी लगने वाली थी. अब परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और घटना के जिम्मेदार आरोपियों को तत्‍काल फांसी दी जानी चाहिए.”  

बहन को सुरक्षा, भाई को हथियार का लाइसेंस

लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया है कि प्रशासन लड़की की बहन को 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराएगा. कमिश्नर ने कहा, "लड़की के परिवार के बाकी लोगों को भी सुरक्षा दी जाएगी. लड़की के भाई ने आत्म-सुरक्षा के लिए हथियार के लाइसेंस की मांग की थी, जो उसे अब दिया जाएगा."

इसके अलावा लड़की की बहन को नौकरी दिलाने की व्यवस्था की जाएगी. मेश्राम ने बताया, “प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार को दो घर दिए जाएंगे. अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.”

राज्य सरकार ने शनिवार 7 दिसंबर को लड़की के परिवार को 25 लाख रुपए और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने की घोषणा की थी.

6 दिसंबर की रात हुई थी मौत

उन्नाव में लड़की को बलात्कार के आरोपियों ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था. 90 फीसदी तक जल चुकी लड़की को लखनऊ से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया था. यहां सफदरजंग अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. लेकिन शुक्रवार देर रात दरिंदगी का शिकार हुई लड़की जिंदगी की जंग हार गई.

सफदरजंग अस्पताल के बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलब कुमार ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद लड़की को बचाया नहीं जा सका. उसकी हालत शाम को खराब होने लगी और रात 11 बजकर 10 मिनट पर दिल का दौरा पड़ा. हमने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई.’’

एम्बुलेंस के जरिए लड़की का शव उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले स्थित उसके गांव ले जाया गया है. लोगों में भारी नाराजगी को देखते हुए लड़की के गांव की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. कानून व्यवस्था के मद्देनजर उन्नाव से सटे जिलों से पुलिस फोर्स बुलाया गया है. इसके अलावा गांव में पीएसी को भी तैनात किया गया है

(इनपुट: भाषा)

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