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उन्नाव रेप सर्वाइवर की हालत में सुधार,गवाह के हवाले है गांव का घर

गांव के घर में, रेप सर्वाइवर के पिता की मौत के मामले में गवाह किशोर रह रहे हैं

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‘उन्नाव रेप सर्वाइवर के चाचा ने मुझे अपनी मां की दवा के साथ दिल्ली से उन्नाव भेजा था, लेकिन जैसे ही मैं उनके घर के अंदर घुसा, मुझे सर्वाइवर के पिता के साथ घसीट कर बाहर निकाला गया. उसके पिता के साथ मुझे बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के घर एक नीम के पेड़ से बांध दिया गया, गालियां दी गई और घंटों तक हमारी पिटाई की गई. फिर उन लोगों ने मुझे सड़क के किनारे फेंक दिया और उसके पिता को लेकर चले गए.’

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कुछ दिनों के बाद, अप्रैल 2017 में, रेप सर्वाइवर के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई, आरोप है कि ऐसा पुलिस की बर्बरता की वजह से हुआ. इस मारपीट का चश्मदीद था किशोर बिहारी जो पिटाई के बाद, सर्वाइवर के चाचा के कहने पर, उनके घर पर रहने लगा था.

16 दिसंबर को इस मामले में आने वाले कोर्ट के फैसले से पहले द क्विंट ने किशोर से बात की जो कि सर्वाइवर के पिता की मौत के मामले में हो रही सीबीआई जांच में भी गवाह है. उसने हमें सर्वाइवर घर पर रहने की वजह बताई, दिल्ली में लड़की के इलाज की जानकारी दी और बताया कैसे वह लड़की के परिवार से मिलने वाले पैसे से गुजारा कर रहा है.

बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ मामला

किशोर जब दवा लेकर उनके घर पहुंचा था, उससे पहले भी उन्नाव रेप सर्वाइवर और उसका परिवार भारी दबाव में जी रहे थे. जुलाई 2017 में, जब लड़की सिर्फ 17 साल की थी, आरोप है कि उस समय बीजेपी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने भाई अतुल सिंह और बाकी लोगों के साथ मिलकर उसको अगवा किया और एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक उसके साथ गैंगरेप किया. उसके बाद शिकायत दर्ज कराने की तमाम कोशिशों के बावजूद, पुलिस ने सेंगर – जो कि इस केस में मुख्य अभियुक्त था - का नाम चार्जशीट में नहीं लिखा.

आरोप है कि अप्रैल 2018 में सेंगर के लोगों ने सर्वाइवर के पिता के साथ किशोर को पेड़ से बांध कर बुरी तरह पीटा. किशोर ने उन्हें बताने की कोशिश की वह लड़की के परिवार से नहीं है, लेकिन उन लोगों ने उसकी एक नहीं सुनी.

‘वो लगातार कहते रहे कि मैं लड़की के पिता के साथ था और इसलिए मेरी भी पिटाई होनी चाहिए. उन्होंने मुझे इतना मारा कि आज तक मैं ठीक से चल नहीं पाता. मेरे हाथ और पैर की हड्डियां टेढ़ी हो गई हैं. अतुल सेंगर और सेंगर के चमचों ने लड़की के पिता और मुझे बुरी तरह पीटा,’ फटी आंखों से वह पूरी बातें बताता जा रहा था. उस घटना के बाद किशोर ने यह घर नहीं छोड़ा है.

लड़की के पिता जिसकी युवक के साथ ही पिटाई हुई थी, उन्हें युवक ने पुलिस की हिरासत में – कथित तौर पर पुलिस की यातनाओं के बाद - दम तोड़ते देखा. इसके बाद उसने देखा कैसे लड़की के चाचा, जिसने उसे दवा के साथ उन्नाव भेजा था, को नवंबर 2019 में पुलिस उठा कर ले गई. आठ महीने बाद, जुलाई 2019 में, उसने युवक ने वो त्रासदी भी देखी, जब लड़की की चाची और मामी की भीषण कार क्रैश में मौत हो गई.

लड़की और उसके वकील को इसके बाद इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया, जबकि किशोर आज भी उन्नाव में रह रहा है.

कौन है किशोर बिहारी?

‘मैं लड़की के चाचा महेश सिंह, जो अभी जेल में हैं, उनकी फैक्ट्री में काम करता था. मैं फैक्ट्री में आने-जाने वाले ट्रक में सामान चढ़ाने-उतारने का काम करता था,’ उसने बताया,

बिहार निवासी किशोर के तीन भाई हैं जो शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी हैं. किशोर ने अभी तक शादी नहीं की है और वह परिवार बसाना भी नहीं चाहता. उसने बताया वो उन्नाव लड़की के चाचा के कहने पर आया, जिसकी फैक्ट्री में दो साल तक उसने दिल्ली में काम किया था.

‘महेश ने मुझे जेल से बाहर निकलने तक यहीं रुकने को कहा. मैं राजी हो गया कि जब तक वो लौटकर नहीं आ जाते, मैं यह घर नहीं छोड़ूंगा,’ किशोर ने बताया कि लड़की के परिवार वाले बराबर यहां आकर उसके खर्च के लिए पैसे दे जाते हैं.

रिश्वत और धमकी की परवाह नहीं

अहम बात यह है लड़की के पिता के साथ उसकी पिटाई के बाद किशोर उनकी मौत के मामले में चल रही सीबीआई जांच में भी गवाह बन चुका है. द क्विंट से इस बात की पुष्टि लड़की के वकील के सहायक और किशोर के साथ फैक्ट्री में काम करने वाले एक शख्स ने की.

‘मैं सीबीआई केस में गवाह हूं. एक बार एक आदमी ने कोर्ट में बयान बदलने के लिए मुझे रिश्वत देने की कोशिश की. उसकी मौत हो गई है, वह विधायक का भाई मनोज सेंगर था. मुझे बताया गया कि अक्टूबर 2019 में दिल का दौरा पड़ने के बाद उसकी दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई.’

कभी उन्नाव से अनजान रहे किशोर ने अब इस गांव को ही अपना घर बना लिया है, उसका वक्त ज्यादातर स्थानीय लोगों के साथ हंसते और बात करते बीतता है, हालांकि, उसने बताया, यह लोग हमेशा उतने दोस्ताना नहीं होते जितना दिखते हैं.

‘बीच-बीच में यह गांव वाले मेरे पास आकर मुझे डराने की कोशिश करते हैं, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं सुरक्षित हूं. यहां सीआरपीएफ के जवान मौजूद हैं और मुझे एक गनर भी मिला है जो हमेशा मेरे साथ रहता है,’ उनकी तरफ इशारा करते हुए किशोर ने बताया.

इस केस में आने वाले फैसले के बारे में बात करते हुए उसने कहा, सबसे अहम बात यह है कि लड़की की सेहत में सुधार है और यह जानकर वह बहुत खुश है.

‘लड़की अब अस्पताल से बाहर आ गई है और बेहतर है. वह बात करती है, खाना खा लेती है और चल-फिर सकती है. वकील की सेहत अभी उतनी अच्छी नहीं है,’ किशोर ने कहा कि उम्मीद है कोर्ट के फैसले के बाद इस परिवार को राहत मिलेगी जो कि एक के बाद गहरा सदमा झेलता आ रहा है.

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