राज्यसभा में 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पास हो गया है. विधेयक के पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक में लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल है. बिल पास होने के बाद राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 के तहत राज्य से आर्टिकल 370 हटा लिया जाएगा. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से विशेष का दर्जा खत्म हो जाएगा. साथ ही राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बंट जाएगा. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में भारतीय संविधान के सभी प्रावधान लागू होंगे.
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डोडा में स्थिति शांतिपूर्ण रही : जिला मजिस्ट्रेट
डोडा के जिला मजिस्ट्रेट डी एस दत्तात्रे ने बताया, "सोमवार को डोडा में स्थिति शांतिपूर्ण रही. मैं लोगों को उनके द्वारा दिखाए गए धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं और आने वाले दिनों में इसी तरह शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. कर्फ्यू पास पहले से ही आपातकालीन सेवाओं को दे दिए गए हैं.”
लोगों का हित ध्यान में रखकर लिया गया धारा 370 पर फैसला: राम माधव
बीजेपी नेता राम माधव ने कहा है कि धारा 370 पर फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों का हित ध्यान में रखकर लिया गया है. माधव बोले, "मुझे आशा है कि राज्य के लोग इस फैसले के पीछे का इरादा समझेंगे."
हिरासत में लिए गए महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला: मीडिया रिपोर्ट्स
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला गिरफ्तार को हिरासत में लिया गया है. इससे पहले दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया था.
कांग्रेस नेता ने की आर्टिकल 370 हटाने की तारीफ
कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा, आर्टिकल 370 का मामला बहुत पुराना है. आजादी के बाद बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी थे, जो ये नहीं चाहते थे कि आर्टिकल 370 रहे. मैं इस समय पार्टी की बात नहीं कर रहा हूं. मेरी राजनीतिक दीक्षा स्वतंत्रता सेनानी राम मनोहर लोहिया के नेतृत्व में हुई. वो शुरू से ही इस आर्टिकल के खिलाफ बात करते थे. मेरे व्यक्तिगत विचार के हिसाब से ये राष्ट्रीय संतोष की बात है. एक भूल, जो आजादी के समय हुई, उसे देर सबेर सुधार लिया गया.