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दिल्ली-NCR के पास इन खूबसूरत जगहों पर बिताएं छुट्टियां

दिल्ली के आस-पास घूमने की बेहतरीन जगह 

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दिल्ली के आसपास की जगहों पर घूमने के कई विकल्प मौजूद हैं. इस साल भी लंबे वीकेंड की भरमार है. जैसे अक्टूबर-नवंबर में दशहरा, दिवाली और छठ पूजा के चलते 3-4 दिनों की छुट्टियां पड़ रही हैं.

यूं तो दिल्ली के आसपास घूमने के लिए कई जगहें हैं, जहां पर आप भीड़-भाड़ से दूर सुकून के पल बिता सकते हैं. यदि आपने अभी तक तय नहीं किया है कि जहां जाएं तो आपकी मदद करने के लिए हम हैं. हम आपको बता रहे हैं कि आखिर दिल्ली के आसपास की किन जगहों पर जाएं.

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करेरी झील: नेचर के बीचों-बीच ट्रैकिंग

दिल्ली से महज एक रात के सफर की दूरी पर है हिमाचल का करेरी लेक है. धौलाधार रेंज के बीचों-बीच एक लगभग अनछुई ग्लेशियल झील है. हरी वादियां, पहाड़, शांत वातावरण और खूबसूरत नजारे, सबकुछ मिलकर इसे एक खूबसूरत डेस्टिनेशन बनाते हैं.

वीकेंड के लिए करेरी ट्रैक के लिए एक परफेक्ट जगह है. छोटे-छोटे गांव और देवदार के पेड़ों से गुजरता हुआ यह ट्रैक मैक्लोडगंज से शुरू होकर करेरी तक पहुंच जाता है. करेरी गांव से नीचे करेरी झील तक आते हुए आप खूबसूरत ऑक फॉरेस्ट से गुजरते हैं. इस ट्रैक में आपको करेरी नाले को कई बार पार करना होता है, जो इसे बेहद रोमांचक ट्रैक बनाता है.

एक्साइटिंग लग रहा है ना? तो अपना बैग उठा लीजिए, ये वक्त ट्रैकिंग करने के लिए एकदम सही है.

खीर गंगा: नेचर का ख्वाबों जैसा तालाब

ट्रैकिंग के दीवानों के लिए खीर गंगा को नजरअंदाज करना मुश्किल है. इस ट्रैक के बारे में ट्रैवल राइटर सोनल क्वात्रा कहती हैं:

‘’इतने खूबसूरत ट्रैक पर शारीरिक मेहनत पिकनिक जैसी महसूस होती है. इतना  दिलकश डेस्टिनेशन कि मुझे लगा मैं किसी और ही दुनिया में हूं. मेरे सामने सपनों का तालाब है, जिसके आसपास धुएं से ढकी हुई बर्फ की चादर है.’’

खीर गंगा ट्रैक बरशानी और तोष से शुरू होता है. अगर आप दिल्ली से भुंतर के रास्ते जा रहे हैं, तो यह 14 घंटे का सफर है.

आपको भुंतर से बरशानी जाना होगा, जिसमें लगभग 4 घंटे लगेंगे. हम आपको तोष तक पैदल चलने की सलाह देंगे, क्योंकि पहाड़ों से होकर आगे जाने में ही इस खूबसूरत सफर का असली मजा है. यह ट्रैकक 14 से 15 किलोमीटर लंबा है.

आप बीच में रुककर कुछ जगह स्‍थानीय व्‍यंजन का भी मजा ले सकते हैं. अगर आप खीर गंगा में ठहरना चाहते हैं, तो कई ऑप्शन यहां मौजूद हैं.

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रेणुका लेक

रेणुका लेक हिमाचल की सबसे बड़ी लेक है. ये हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में है. नेचर के बीच वीकेंड गुजारने का सबसे अच्छा और सही ठीकाना है. ये नाहन से तकरीबन 38 किलोमीटर की दूरी पर है. इस झील का नाम देवी रेणुका के नाम पर रखा गया था.

अगर आप रेणुका लेक घूमने गए हैं, तो इसके साथ आप आस-पास के परशुराम ताल भी घूम सकते हैं. आप साइट सीन के साथ-साथ बोटिंग का भी लुत्‍फ उठा सकते हैं. ये दिल्ली से तकरीबन 315 किलोमीटर की दूरी पर है.

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हाटकोटी: मंदिरों की खूबसूरत धरती

अगर आप पहाड़ियों के बीच जाने के लिए एक्साइटेड हैं, तो हाटकोटी आपके लिए बिलकुल सही जगह हो सकती है. हाटकोटी शिमला से लगभग 84 किलोमीटर दूर है. लगभग 1370 मीटर की उंचाई पर बसा पब्बर नदी के किनारे हाटकोटी में महिषासुरमर्दिनी का मंदिर है.

मंदिर के गर्भगृह में लक्ष्मी, विष्णु, दुर्गा, गणेश आदि की प्रतिमाएं हैं. पहाड़ियों के बीच ये मंदिर टूरिस्ट के लिए आकर्षण बने रहते हैं. अप्रैल का शुरुआती महीना यहां धूमने के लिए ज्‍यादा ठीक वक्त है.

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सांगला: प्रकृति की गोद में

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भारत-तिब्बती मार्ग पर, देश की सीमाओं के भीतर बसा है सांगला. सांगला जाने का सबसे अच्छा वक्त गर्मियों का सीजन ही है. सांगला बास्‍पा नदी की घाटी में बसा हुआ है.

सांगला सेब के बगीचों से समृद्ध है. ये खुबानी, अखरोट, देवदार के पेड़ के लिए भी मशहूर है. प्राकृतिक सुंदरता के अलावा कामरू किला, माता देवी मंदिर और बेरिंग नाग मंदिर घाटी के मुख्य आकर्षण हैं.

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बृज घाट

बृज घाट गढ़ मुक्तेश्वर के पास बसा है. ये वो जगह है, जहां आज भी आप साफ गंगा के दर्शन कर सकते हैं. यहां की आबोहवा और निर्मल गंगा का पानी आपको अलग तरह का सुकून देगा. यहां आप साधुओं की भीड़ आसानी से देख सकते हैं.

ये दिल्ली से तकरीबन 3 घंटे की दूरी पर है. आपको बता दें कि गढ़ मुक्तेश्वर को छोटा वाराणसी भी कहा जाता है.

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