यूपी एटीएस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की एजेंट के साथ गोपनीय सूचनाएं साझा करने के आरोप में BSF जवान को गिरफ्तार किया है. यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यूपीएटीएस ने बीएसफ जवान को बुधवार को नोएडा से गिरफ्तार किया है.
पुलिस का कहना है कि ISI की एक महिला एजेंट, कॉन्स्टेबल अच्युतानंद मिश्र को हनीट्रैप में फंसा कर उससे गोपनीय सूचनाएं हासिल कर रही थी और उसे अपनी एजेंसी को भेज रही थी.
गिरफ्तार जवान से पूछताछ जारी
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सीमा सुरक्षा बल के कॉन्स्टेबल अच्युतानंद मिश्रा को एटीएस टीम ने बुधवार को नोएडा सेक्टर-18 से गिरफ्तार किया. एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक मनीष सोनकर की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया है.
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि आरोपी से अभी पूछताछ की जा रही है. पुलिस प्रमुख ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान अच्युतानंद ने स्वीकार किया है कि उसने भारत के सामरिक महत्व के ठिकानों, आंतरिक सूचनाएं और बीएसएफ और सेना के प्रशिक्षण केन्द्रों आदि की सूचनाएं ISI को दी हैं.
मध्यप्रदेश में रीवा जिले के मंडवा गांव निवासी अच्युतानंद मिश्र साल 2006 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था. DGP ओपी सिंह ने बताया कि अच्युतानंद ने हनीट्रैप में फंसकर गोपनीय सूचनायें, यूनिट की लोकेशन, शस्त्र, गोलाबारूद का विवरण, बीएसएफ परिसर का चित्र और अन्य सूचनाएं एक महिला के साथ साझा की.
फेसबुक के जरिए हुई थी दोस्ती
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि आईएसआई की एक महिला एजेंट ने कॉन्स्टेबल से फेसबुक पर दोस्ती की थी. खुद को डिफेंस रिपोर्टर बताने वाली यह महिला पहले अच्युतानंद से सामान्य बातें करती रही. लेकिन बाद में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने लगी. उन्होंने बताया कि एटीएस और बीएसएफ की टीम ने पहले दिल्ली और नोएडा में दो दिन तक इस संबंध में मिश्र से पूछताछ की. इस दौरान मिश्र के मोबाइल और फेसबुक से तमाम सबूत मिले. उसके द्वारा महिला को भेजे गये वीडियो भी मिले. इन सबूतों के मिलने के बाद अच्युतानंद से पूछताछ की गयी और मंगलवार को उसे सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया.
ओपी सिंह ने बताया कि अच्युतानंद के बैंक के खातों को भी खंगाला जा रहा है. इससे पता चलेगा कि उसने सूचनाएं साझा करने के बदले आईएसआई से पैसा लिया है या नहीं. उन्होंने कहा कि मिश्र के खिलाफ देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा.
ATS को खुफिया विभाग से मिली थी खबर
एटीएस का कहना है कि सेना के खुफिया विभाग से उन्हें सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI फेसबुक पर महिलाओं के फर्जी अकाउंट बनाकर भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों से दोस्ती करती है. मित्रता होने के बाद वह कर्मियों से गोपनीय सूचनाएं हासिल करने का प्रयास करती है.
प्राप्त सूचना के आधार पर एटीएस की काउंटर एस्पियोनाज टीम ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि फेसबुक पर ऐसे कई भारतीय अकाउंट हैं जो ISI की फेक आईडी के संपर्क में हैं. इस संबंध में गहनता से जांच करने पर बीएसएफ कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्र पर संदेह गया. मिश्र से पूछताछ और उसका डेटा डाउनलोड और एक्स्ट्रैक्ट करने के बाद कई बातें सामने आईं.
जांच से पता चला कि मिश्र 2016 में फेसबुक के जरिए महिला के संपर्क में आया था. DGP सिंह ने बताया कि मिश्र के फोन में पाकिस्तान का एक फोन नंबर ‘पाकिस्तानी दोस्त’ के नाम से सेव था. वह इसी नंबर पर व्हाटसऐप चैट करता था. मिश्र की चैट से पता चलता है कि उसे धर्म परिवर्तन और कश्मीर पर भारत विरोधी बातें कह कर प्रभावित किया जा रहा था. मिश्र इसी नंबर पर सभी सूचनाएं साझा करता था.
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